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जबलपुर के हसनैन अंसारी और इंदौर की अंकिता राठौर की लव स्टोरी में नया मोड़

जबलपुर के हसनैन अंसारी और इंदौर की अंकिता राठौर की लव स्टोरी में नया मोड़


जबलपुर। जबलपुर न्यायालय अपर कलेक्टर एवं विवाह अधिकारी ने आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है सिहोरा के हसनैन अंसारी और इंदौर की अंकिता राठौर फिलहाल शादी नहीं कर सकते बता दें कि इन्होंने जबलपुर के इसी कोर्ट में शादी का आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया इस मामले में हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाए थे। कोर्ट ने इस मामले में विशेष विवाह अधिनियम की शर्तों को पूरा न मानने की वजह से आवेदन निरस्त किया है।
एडीएम कोर्ट मेंं 4 माह पहले लगाया आवेदन
जबलपुर के सिहोरा में रहने वाले हसनैन अंसारी ने इंदौर में रहने वाली अंकिता राठौर के साथ शादी करने के लिए जबलपुर के न्यायालय अपर कलेक्टर एवं विवाह अधिकारी नाथूराम गोड की कोर्ट में 7 अक्टूबर 2024 को आवेदन लगाया गया था इसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बन गया हैदराबाद के हिंदूवादी नेता टी राजा ने भी अपील की थी कि इस शादी को न होने दिया जाए अंकिता राठौर और हसनैन अंसारी दोनों इंदौर में रहते हैं। हसनैन अंसारी 10 साल से वहीं नौकरी कर रहा है इस दौरान उसकी अंकिता से दोस्ती हुई।
इसलिए नहीं दी जा सकती विवाह की अनुमति
इस मामले पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी हाईकोर्ट ने अंकिता राठौर को महिला निकेतन में रखने की आदेश दिए थे इस आवेदन पर जबलपुर विवाह अधिकारी कोर्ट ने जांच के आदेश दिए बता दें कि यह शादी भारतीय कानून के विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत होनी थी इस अधिनियम के तहत अलग-अलग धर्म के लोग विवाह कर सकते हैं, लेकिन जबलपुर के अपर कलेक्टर और विवाह अधिकारी कोर्ट ने अंकिता और हसनैन को शादी करने की अनुमति नहीं दी।
एडीएम ने हाई कोर्ट के निर्णय का किया उल्लेख
इस मामले में जारी आदेश में स्पष्ट लिखा है अंकिता और हसनैन को शादी करने की अनुमति नहीं दी जा सकती इसके पहले ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस जेएस अहलूवालिया की कोर्ट में भी आया था और उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत भी मुस्लिम युवक और हिंदू लड़की की शादी को अनुमति नहीं दी थी इसके साथ ही जबलपुर की मैरिज कोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत नियमों का हवाला देते हुए शादी की अनुमति रद्द की।
तहसीलदार व पटवारी ने पंचनामा बनाकर पेश किया
कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है विशेष विवाह अधिनियम के तहत आवेदक को शादी के आवेदन के पहले एक माह तक अपने पते पर रहना जरूरी है, लेकिन जब इस मामले में स्थानीय पटवारी और तहसीलदार ने हसनैन अंसारी के बारे में तहकीकात की और पंचनामा बनाया तो उसमें पता लगा कि हसनैन विवाह के आवेदन के समय सिहोरा में नहीं रह रहा था, बल्कि वह बीते 10 साल से इंदौर में ही रह रहा है। इसलिए इस नियम के तहत हसनैन को अंकिता के साथ शादी की अनुमति नहीं दी जा सकती हालांकि अपर कलेक्टर के इस आदेश को चुनौती देने का अधिकार है।

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