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जनजातीय गौरव दिवस पर शहडोल में सियासी जंग पुष्पराजगढ़ विधायक का अमरण अनशन का ऐलान, भाजपा पर आदिवासी समर्थन के राजनीतिकरण का आरोप

जनजातीय गौरव दिवस पर शहडोल में सियासी जंग पुष्पराजगढ़ विधायक का अमरण अनशन का ऐलान, भाजपा पर आदिवासी समर्थन के राजनीतिकरण का आरोप

शहडोल जिले में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के कार्यक्रम में एक विवाद ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। पुष्पराजगढ़ के विधायक श्री फुंदेलाल सिंह मार्को ने अनूपपुर और शहडोल के कलेक्टरों के माध्यम से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्यक्रम स्थल पर अमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। इस पत्र के पीछे की रणनीतिक स्थिति, राजनीतिक  स्वार्थ और इसके प्रभाव पर चर्चा करना आवश्यक है, क्योंकि यह मुद्दा सिर्फ एक अनशन की चेतावनी तक सीमित नहीं है बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच आदिवासी समुदाय के समर्थन की लड़ाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।



विधायक का अमरण अनशन की चेतावनी देना

श्री फुंदेलाल सिंह मार्को का पत्र राज्य की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था के प्रति एक गंभीर असंतोष को दर्शाता है। विधायक का यह कदम न केवल बीजेपी सरकार के इस कार्यक्रम पर आपत्ति प्रकट करता है, बल्कि यह उनके और आदिवासी समुदाय के बीच बढ़ते असंतोष का प्रतीक भी है इस कार्यक्रम के माध्यम से बीजेपी, आदिवासी समुदाय के अधिकारों का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है, और उनके मूलभूत समस्याओं को हल करने की जगह उन्हें अनदेखा कर रही  है। राजनीतिक समीकरण और बीजेपी का कार्यक्रम

भाजपा सरकार द्वारा जनजातीय गौरव दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का आयोजन आदिवासी समुदाय को अपने पक्ष में करने का एक प्रयास माना जा सकता है। भाजपा पिछले कुछ वर्षों से लगातार आदिवासी वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के प्रयासों में जुटी है। इस आयोजन के माध्यम से भाजपा ने बिरसा मुंडा जैसे महान आदिवासी नेता की जयंती को एक भव्य कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य आदिवासी समाज को यह संदेश देना है कि भाजपा उनकी संस्कृति और पहचान का सम्मान करती है।


बीजेपी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा को आदिवासी गौरव के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करना और उनके नाम पर विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ करना, यह दर्शाता है कि पार्टी अब आदिवासी समाज के मुद्दों को अपने एजेंडे में प्रमुख स्थान देना चाहती है।

वहीं, बीजेपी के कार्यक्रम में कांग्रेस के नेताओं या उनके समर्थकों के लिए विशेष आमंत्रण  पत्र में जगह न दिए जाने से कांग्रेस के कुछ नेताओं में असंतोष है। कांग्रेसी विधायक का यह कहना कि बीजेपी, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को राजनीतिक मंच बना रही है, एक गंभीर आरोप है। बीजेपी का यह कदम कांग्रेस को आदिवासी मुद्दों पर हाशिए पर रखने का एक प्रयास हो सकता है।

कांग्रेस की भूमिका और आदिवासी समाज से जुड़ी राजनीति

कांग्रेस का यह आरोप रहा है कि भाजपा, आदिवासी समाज की संस्कृति और महान नेताओं को केवल वोट बैंक के रूप में देखती है, ।

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर भाजपा द्वारा आयोजित जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन, कांग्रेस के लिए एक चुनौती की तरह सामने आ रहा है। यह सवाल उठता है कि कांग्रेस ने पहले कभी इस प्रकार के समारोह का आयोजन क्यों नहीं किया? क्या कांग्रेस भगवान बिरसा मुंडा जैसे आदिवासी  महापुरुष और योद्धा   की विचार धारा को मुख्यधारा में नहीं ला सकी, जबकि भाजपा इसे एक भव्य कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत कर रही है?

कांग्रेसी विधायक का यह पत्र यह इंगित करता है कि भाजपा केवल आयोजन के माध्यम से आदिवासी समाज का राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है, जबकि कांग्रेस का दावा है कि उसने वास्तविकता में उनके विकास और कल्याण के लिए काम किया है विधायक की चिट्ठी के मायने और संभावित प्रभाव

विधायक मार्को का यह पत्र भाजपा और कांग्रेस के बीच एक गंभीर संघर्ष का संकेत देता है। आदिवासी समुदाय के मुद्दों पर भाजपा द्वारा आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम का विरोध कांग्रेस की ओर से यह दर्शाता है कि आदिवासी समाज के मुद्दों पर दोनों दलों के बीच एक गंभीर प्रतिस्पर्धा चल रही है।
जिससे संभाग में  विकास और उन्नति ठप्प है
मार्को की इस चिट्ठी से यह भी संकेत मिलता है कि कांग्रेस शायद अपने आदिवासी नेताओं को आगे कर आदिवासी समाज के समर्थन को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस की यह रणनीति भाजपा के सामने एक चुनौती के रूप में उभर सकती है, क्योंकि कांग्रेस अब भाजपा की तर्ज पर ही आदिवासी समाज के गौरव के प्रतीक नेताओं का सम्मान करने पर जोर दे रही है।

कूटनीतिक स्थिति और चुनावी संभावनाएं

शहडोल के इस कार्यक्रम को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रही यह जंग आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकती है। आदिवासी वोट बैंक पर पकड़ बनाने के लिए दोनों दल कड़ी प्रतिस्पर्धा में हैं। मार्को के इस पत्र के माध्यम से कांग्रेस एक ओर आदिवासी समाज के प्रति अपनी वफादारी दिखाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाकर अपनी साख को बढ़ाने की कोशिश कर रही है।


या संभाग में विशेष घोषणा या नए उद्योग धंधे igntu द्वारा अनूपपुर जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित कृषि महाविद्यालय इंजिनियरिंग कॉलेज जिला मुख्यालय में  खुलने  की घोषणा  पर क्रियान्वयन   पर विरोध या प्रमुख विकास के मुद्दों से  आदिवासियों के हितचिंतक सिद्ध करने वाली कोशिश भर है  या और कोई राजनीतिक स्टंट ।



भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस का यह कार्यक्रम भाजपा और कांग्रेस के बीच एक नए राजनीतिक संघर्ष का कारण बन गया है। कांग्रेसी विधायक मार्को का पत्र इस बात का संकेत है कि कांग्रेस आदिवासी समाज के प्रति भाजपा की रणनीति को चुनौती दे रही है।

इस पत्र और अमरण अनशन की चेतावनी के माध्यम से कांग्रेसी विधायक ने यह संकेत दिया है कि वे आदिवासी समाज के सच्चे  हितैषी हैं, और भाजपा के प्रयासों को केवल एक राजनीतिक खेल के रूप में देखते हैं।

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Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

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