इजराइली सेना ने हाल ही में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर सलीम जमील अय्याश को एक हवाई हमले में मार गिराया। टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, सलीम अय्याश सीरिया के अल-कौसैर क्षेत्र में छिपा हुआ था, जो हिजबुल्लाह का एक महत्वपूर्ण गढ़ माना जाता है।
अय्याश की हत्या को इजराइल की आतंकवाद विरोधी रणनीति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि वह हिजबुल्लाह के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक था और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। हिजबुल्लाह, एक शिया मुस्लिम आतंकी संगठन है जो लेबनान में सक्रिय है और इजराइल के साथ उसका लम्बे समय से टकराव चलता आ रहा है।
यह कार्रवाई सीरिया में इजराइल की बढ़ती गतिविधियों का हिस्सा है, जहाँ इजराइल ने हिजबुल्लाह और अन्य ईरान-समर्थित संगठनों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं।
इजराइल की सेना द्वारा हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर सलीम जमील अय्याश पर किए गए हवाई हमले की घटना ने मध्य पूर्व में चल रहे तनाव को एक नया आयाम दिया है। आइए इसे विस्तृत रूप से समझते हैं:
1. हिजबुल्लाह और सलीम अय्याश की भूमिका
हिजबुल्लाह, जो कि लेबनान में एक प्रमुख शिया संगठन है, ईरान द्वारा समर्थित एक आतंकवादी संगठन माना जाता है। हिजबुल्लाह ने पिछले कुछ दशकों में इजराइल के साथ कई संघर्षों में भाग लिया है और उसके खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभाई है। सलीम जमील अय्याश इस संगठन का एक महत्वपूर्ण सदस्य था और लंबे समय से इजराइल के निशाने पर था। बताया जाता है कि अय्याश हिजबुल्लाह की सैन्य गतिविधियों को निर्देशित करने में अहम भूमिका निभा रहा था और उसके खिलाफ कई आतंकी हमलों में शामिल होने के भी आरोप थे।
2. अल-कौसैर में ठिकाना
टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, सलीम अय्याश सीरिया के अल-कौसैर में छिपा हुआ था। यह क्षेत्र हिजबुल्लाह का एक महत्वपूर्ण गढ़ है, जो सीरिया-लेबनान सीमा के पास स्थित है। यह इलाका हिजबुल्लाह के लिए रणनीतिक महत्व रखता है, क्योंकि यहाँ से वे सीरिया में अपने अभियानों को नियंत्रित करते हैं और लेबनान के साथ अपने संबंधों को बनाए रखते हैं। इस इलाके में हिजबुल्लाह ने लंबे समय से अपनी सैन्य गतिविधियों को अंजाम दिया है।
3. इजराइल का हमला और उसकी रणनीति
इजराइल लंबे समय से सीरिया में हिजबुल्लाह और अन्य ईरान समर्थित समूहों के खिलाफ हमले कर रहा है। इजराइल की सुरक्षा नीति के तहत यह माना जाता है कि सीरिया में हिजबुल्लाह और ईरान की उपस्थिति इजराइल की सुरक्षा के लिए खतरा है। इसी नीति के तहत, इजराइली सेना ने हवाई हमले के जरिए अय्याश को निशाना बनाया। यह हमला इजराइल की आतंकवाद विरोधी रणनीति का हिस्सा था, जिसके तहत वह हिजबुल्लाह के नेतृत्व को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है।
4. सीरिया में हिजबुल्लाह की उपस्थिति और इजराइल की चिंताएँ
सीरिया में हिजबुल्लाह की उपस्थिति इजराइल के लिए लंबे समय से एक गंभीर चिंता का विषय रही है। ईरान के समर्थन से हिजबुल्लाह ने सीरिया में अपने ठिकाने बना लिए हैं, जहाँ से वह इजराइल के खिलाफ हमले करने की योजना बनाता है। सीरिया के साथ लगी इजराइल की सीमा से हिजबुल्लाह की निकटता को देखते हुए, इजराइल अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इसी कारण से इजराइल ने सीरिया में अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं।
5. अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। हिजबुल्लाह समर्थक देश जैसे ईरान ने इजराइल की इस कार्रवाई की निंदा की है, जबकि इजराइल के सहयोगी देश इसे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन इस घटना के प्रभावों पर नज़र बनाए हुए हैं, क्योंकि इससे सीरिया और लेबनान में तनाव बढ़ सकता है।
6. भविष्य के परिणाम और संभावनाएँ
सलीम अय्याश की हत्या से हिजबुल्लाह को एक बड़ा झटका लग सकता है। इससे हिजबुल्लाह की संचालन क्षमता पर असर पड़ सकता है, लेकिन यह संभावना भी है कि हिजबुल्लाह इसका बदला लेने के लिए इजराइल के खिलाफ और आक्रामक रुख अपनाए। यह घटना मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकती है और इजराइल तथा हिजबुल्लाह के बीच प्रतिशोधात्मक हमलों की संभावना को जन्म दे सकती है।
इजराइल द्वारा सलीम जमील अय्याश पर किया गया यह हमला आतंकवाद के खिलाफ उसकी सख्त नीति को दर्शाता है। इस घटना के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं, जो न केवल इजराइल और हिजबुल्लाह बल्कि पूरे मध्य पूर्व को प्रभावित कर सकते हैं।
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