![](https://000miles.com/wp-content/uploads/2025/01/image_search_17380350811002662438630229876201.jpg.webp)
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने सवाल उठाया, “क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म हो जाती है?” यह टिप्पणी प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा त्रिवेणी संगम में स्नान करने के संदर्भ में की गई है।
खरगे ने मध्य प्रदेश के महू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया, जिसमें उन्होंने धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के समाधान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “गंगा में डुबकी लगाने से देश की गरीबी दूर नहीं होगी।”
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खरगे के इस बयान की आलोचना करते हुए इसे हिंदू धार्मिक मान्यताओं का अपमान बताया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और ऐसे बयानों से समाज में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
यह पहली बार नहीं है जब किसी राजनीतिक नेता ने धार्मिक अनुष्ठानों के प्रभाव पर सवाल उठाया है। इससे पहले भी विभिन्न दलों के नेताओं ने धार्मिक गतिविधियों और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के बीच संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। हालांकि, ऐसे बयानों के बाद अक्सर राजनीतिक विवाद उत्पन्न होते रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वर्तमान में वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पार्टी के नीतिगत निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस बयान के बाद, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों के मद्देनजर धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर नेताओं के बयानों का प्रभाव मतदाताओं पर पड़ सकता है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को अपने वक्तव्यों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि समाज में सौहार्द और एकता बनी रहे।
इस विवाद के बीच, विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ संगठनों ने खरगे के बयान की निंदा की है, जबकि अन्य ने इसे विचार-विमर्श का विषय बताया है। समाज के विभिन्न वर्गों में इस बयान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
आगामी दिनों में, इस मुद्दे पर और भी राजनीतिक बयानबाजी और चर्चाएं होने की संभावना है। देखना होगा कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
इस बीच, मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान पर किसी भी प्रकार की सफाई या स्पष्टीकरण नहीं दिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से भी इस मुद्दे पर आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
समाज के विभिन्न वर्गों में इस बयान को लेकर चर्चा जारी है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में इस पर और क्या प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं।
Leave a Reply