



कांग्रेस की जमीनी हकीकत गुटबाजी, आत्ममंथन और बीजेपी पर तीखा हमला
अनूपपुर // मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के अनूपपुर जिले में तीन दिवसीय प्रवास ने पार्टी की अंदरूनी स्थिति को उजागर कर दिया। स्वागत सत्कार, भव्य रैलियों और मंचीय भाषणों के बीच जो सबसे ज्यादा उभरकर सामने आया, वह था कांग्रेस की गहरी जमीनी दरारें। प्रदेश अध्यक्ष का यह दौरा संगठन को मजबूत करने की मंशा से हुआ था, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खुले बयानों ने पार्टी के भीतर फैली गुटबाजी और अनुशासनहीनता को साफ कर दिया।
गुटबाजी और भीतरघात पर खुलकर बोले कार्यकर्ता
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का अनूपपुर जिला आगमन किसी शक्ति प्रदर्शन से कम नहीं था। रामकथा मैदान से लेकर रेलवे अंडर ब्रिज तक हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में रैली निकाली। लेकिन जैसे ही कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ, मंच से पार्टी के अंदर की खींचतान खुलकर सामने आ गई।
पटवारी ने जब सवाल किया कि “हम 25 साल से सत्ता से बाहर क्यों हैं?” तो कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया— “गुटबाजी, चाटुकारिता और भाजपा के एजेंट बनकर भीतरघात करने वालों के कारण!” कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने खुलकर स्वीकार किया कि कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी उसका आपसी झगड़ा और संगठन में अनुशासन की कमी है।
बीजेपी पर तीखा हमला, आत्ममंथन भी जरूरी
अपने भाषण में जीतू पटवारी ने बीजेपी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि “प्रदेश की भाजपा सरकार झूठे वादों और भ्रष्टाचार के सहारे चल रही है। किसान, युवा, कर्मचारी—हर वर्ग परेशान है। शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार की लिस्ट लंबी है, और अब मोहन यादव सरकार भी उसी नक्शे कदम पर चल रही है।”
उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार केवल पूंजीपतियों के इशारे पर चल रही है और आम आदमी को सिर्फ चुनावी जुमलों से बहलाया जा रहा है। मगर उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ बीजेपी को कोसने से कांग्रेस सत्ता में नहीं आ सकती, इसके लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
स्वागत में दिखी शक्ति, लेकिन कार्यकर्ताओं में दिखी दरार
अनूपपुर, पुष्पराजगढ़ और कोतमा में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जीतू पटवारी का जोरदार स्वागत किया। जेसीबी मशीन और फ्लॉवर गन से आसमान में फूलों की वर्षा कर उन्हें सम्मानित किया गया। लेकिन यह बाहरी भव्यता कांग्रेस के आंतरिक हालात को नहीं छिपा पाई।
कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जब भी कोई बड़ा नेता दौरा करता है, तो कार्यकर्ता केवल स्वागत करने तक सीमित रहते हैं। पार्टी के मूलभूत संगठन को मजबूत करने की दिशा में कोई ठोस योजना नहीं बनाई जाती।
क्या कांग्रेस कार्यकर्ता बदलाव को तैयार हैं?
प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया कि “हर कार्यकर्ता को पार्टी को मजबूत करने के लिए खुद को जिम्मेदार मानना होगा।” उन्होंने कहा कि पार्टी को सत्ता में लाने के लिए केवल नेताओं पर निर्भर रहना काफी नहीं है, बल्कि कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस कार्यकर्ता इस बदलाव को अपनाने को तैयार हैं? क्योंकि जो गुटबाजी और भीतरघात की बातें मंच से खुलकर सामने आईं, वे संकेत देती हैं कि कांग्रेस को पहले अपने घर को कांग्रेस के लिए यह दौर आत्ममंथन का
अनूपपुर जिले में जीतू पटवारी का दौरा कांग्रेस के लिए एक राजनीतिक समीक्षा सरीखा साबित हुआ। जहां एक तरफ पार्टी ने बीजेपी सरकार पर हमला किया, वहीं दूसरी तरफ उसने अपनी खुद की कमजोरियों को भी स्वीकार किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह मान लिया कि जब तक पार्टी में एकजुटता नहीं आएगी और अनुशासन नहीं होगा, तब तक सत्ता में वापसी मुश्किल है।



Leave a Reply