
असम से जहीर अली की गिरफ्तारी असम राज्य पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, एक मोस्ट वांटेड आतंकी जहीर अली को गिरफ्तार किया है। जहीर अली, जो कि अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़ा हुआ था, की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण सुरक्षा ऑपरेशन का हिस्सा है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। इस घटना ने असम और भारत के अन्य हिस्सों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि इस संगठन का संबंध भारत के साथ-साथ बांग्लादेश में भी आतंकवादी गतिविधियों से है। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का परिचय: अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) एक उग्रवादी आतंकवादी संगठन है जो बांग्लादेश में सक्रिय है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में इस्लामिक शरिया कानून की स्थापना करना है और पश्चिमी प्रभाव को समाप्त करना है। यह संगठन बांग्लादेश में धार्मिक अतिवाद और आतंकवाद फैलाने का काम करता है और इसके सदस्य मुख्य रूप से बांग्लादेश से होते हैं, हालांकि इसके कुछ सदस्य भारत में भी सक्रिय हैं।
बांग्लादेश में आतंकवादी संगठनों की संख्या और उनका उद्देश्य बांग्लादेश में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं जो अलग-अलग प्रकार के अतिवादी उद्देश्यों को बढ़ावा देते हैं। इनमें प्रमुख संगठन हैं
अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) यह संगठन शरिया कानून की स्थापना के लिए काम करता है। इसके सदस्य बांग्लादेश और भारत में धार्मिक हिंसा को बढ़ावा देते हैं।
जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB)यह संगठन भी इस्लामिक स्टेट (ISIS) से प्रभावित है और बांग्लादेश में आतंकवादी हमले करने की कोशिश करता है।
हिजबुल मुजाहिदीन (HM) यह कश्मीर और बांग्लादेश में सक्रिय है और इसके उद्देश्यों में पाकिस्तान के साथ कश्मीर की स्वतंत्रता की वकालत की जाती है।
आल-हिंद रेvolutionरी पार्टी (AHRP) यह संगठन विशेष रूप से भारत के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में सक्रिय है और बांग्लादेश से इसे वित्तीय और नैतिक समर्थन मिलता है।
इन सभी संगठनों का उद्देश्य अपने धार्मिक और राजनीतिक विश्वासों को फैलाना है, जो अक्सर हिंसा और आतंकवादी हमलों के माध्यम से होता है। इन संगठनों का प्रमुख उद्देश्य इस्लामिक राज्य की स्थापना करना और पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव को समाप्त करना है आतंकवाद के वित्त पोषण के स्रोत: बांग्लादेश और भारत के भीतर सक्रिय आतंकवादी संगठनों का वित्त पोषण विभिन्न स्रोतों से होता है। इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं
विदेशी वित्तीय मदद बांग्लादेश में कई आतंकवादी समूहों को मध्य पूर्व के देशों से वित्तीय सहायता प्राप्त होती है। इस सहायता का उद्देश्य इन संगठनों को हथियार, गोला-बारूद और प्रशिक्षण प्रदान करना है।
स्थानीय संग्रह ये संगठन स्थानीय स्तर पर धन इकट्ठा करने के लिए कई प्रकार की गतिविधियों का संचालन करते हैं। इसमें धर्मार्थ संगठनों के रूप में धन एकत्र करना, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से वसूली करना, और खतरनाक वसूली और संरक्षण शुल्क जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
ड्रग तस्करी और मानव तस्करी: कुछ आतंकवादी समूह अपनी आय को ड्रग्स और मानव तस्करी के अवैध व्यापार से प्राप्त करते हैं। ये व्यापार मुख्य रूप से भारतीय राज्यों और बांग्लादेश के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े होते हैं।
मूलधन और दान: विभिन्न धार्मिक चंदा और दान के रूप में भी इन संगठनों को वित्तीय सहायता मिलती है। इस सहायता का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को चलाने के लिए किया जाता है।
आतंकवादी संगठनों का प्रभाव और भारत में उनका खतरा: भारत में बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं। असम जैसे राज्य में इनका प्रभाव विशेष रूप से देखने को मिलता है, जहां की सीमाओं से यह संगठन नियमित रूप से अवैध रूप से प्रवेश करते हैं। इन संगठनों का मुख्य उद्देश्य भारत में इस्लामिक आतंकवाद फैलाना और राष्ट्रवाद और लोकतंत्र की नींव को कमजोर करना है।
अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) जैसे संगठनों ने बांग्लादेश से अपनी गतिविधियों को भारत के अन्य हिस्सों में फैलाना शुरू कर दिया है, जहां इनका न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी देखने को मिलता है। इन संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार के आतंकवादी हमलों और जंगली हिंसा का आयोजन किया जाता है, जिसके कारण स्थानीय जनता में डर और असुरक्षा का माहौल बनता है।
भारतीय और बांग्लादेशी सुरक्षा बलों की भूमिका भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों के सुरक्षा बल इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। असम पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जहीर अली की गिरफ्तारी जैसी सफल कार्रवाई की है, जो इन आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में मददगार साबित होती हैं। इसके अलावा, भारत और बांग्लादेश के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग भी बढ़ रहा है, जिससे इन आतंकवादी समूहों के संचालन को और अधिक प्रभावी तरीके से बाधित किया जा रहा है बांग्लादेश में सक्रिय आतंकवादी संगठन केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बन गए हैं। इन संगठनों के वित्त पोषण, गतिविधियों और उद्देश्यों को समझना और उन पर कड़ी नजर रखना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्राथमिकता होनी चाहिए। भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के सुरक्षा बलों का सहयोग इस खतरे से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, ताकि इन आतंकवादी समूहों के प्रभाव को समाप्त किया जा सके।



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