

बरेली जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें शुमायला खान नामक पाकिस्तानी महिला ने 2015 से 2024 तक सरकारी प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक अध्यापक के रूप में कार्य किया। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भारतीय नागरिकता का दावा किया और नौकरी हासिल की। जांच में पता चला कि उनके सभी प्रमाण-पत्र फर्जी थे, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
शुमायला खान पाकिस्तान में जन्मी थीं और अपनी मां माहिरा अख्तर के साथ भारत आईं। मां ने अपनी बेटी के लिए भारत में जन्म प्रमाणपत्र बनवाया, जिससे शुमायला ने भारतीय नागरिकता का दावा किया। उन्होंने रामपुर जिले में निवास प्रमाणपत्र प्राप्त किया और फिर मेरिट के आधार पर बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) किया। इसके बाद, 2015 में उन्हें बरेली के प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति मिली।
यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और फर्जी दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया में खामियों को उजागर करता है। शुमायला की मां माहिरा अख्तर को भी 2021 में इसी प्रकार के फर्जीवाड़े के आरोप में बर्खास्त किया गया था।



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