Globe’s most trusted news site

,

IGNTU का लक्ष्मण हावनूर ऑडिटोरियम गूंजा कविता की सुरमयी गूंज से

IGNTU का लक्ष्मण हावनूर ऑडिटोरियम गूंजा कविता की सुरमयी गूंज से



सांस्कृतिक संध्या में काव्य की खुशबू, कविताओं ने बांधा समां

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU) के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा 17 जनवरी 2025 को लक्ष्मण हावनूर ऑडिटोरियम में आयोजित कवि सम्मेलन ने साहित्यिक सौंदर्य की अनूठी छटा बिखेरी। इस सांस्कृतिक संध्या में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और छात्रों ने कविता के माध्यम से अपने भावों और विचारों को व्यक्त करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सोनकर द्वारा किया गया, जिन्होंने विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी, अकादमिक निदेशक प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी, मानविकी एवं भाषा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. रेनू सिंह और अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. कृष्णा सिंह सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों का अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
काव्यपाठ ने किया मनमोहक वातावरण का निर्माण
इस काव्य संध्या में लगभग दस प्राध्यापकों और बारह से अधिक छात्रों ने अपनी कविताओं का पाठ किया। काव्य मंच पर प्रस्तुत कविताओं ने विभिन्न रसों का सृजन किया। प्रेम, यथार्थ, व्यंग्य और समसामयिक मुद्दों पर आधारित कविताओं ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी की कविता “मैंने एक सपना देखा”, डॉ. अनिल कुमार की “एक दफे की बात है”, और डॉ. संतोष कुमार सोनकर की “जंगल में विकास किसका?” जैसी रचनाओं ने विशेष सराहना पाई। डॉ. सुहेल अहमद की ग़ज़लें और ऋषि पालीवाल के मुक्तक भी इस अवसर पर खूब सराहे गए।
छात्र-छात्राओं में नितीश कुमार, राधिका मिश्र, शिविका सैनी, चेला राम, विभा साहू, मिष्ठी और रिंकी यादव जैसे नवोदित कवियों की रचनाओं ने श्रोताओं को प्रभावित किया। आभा पांडेय की हिंदी-अंग्रेजी कविताओं ने अपनी विशिष्ट शैली के लिए विशेष प्रशंसा प्राप्त की।
कार्यकारी कुलपति का प्रेरणादायक उद्बोधन
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए कार्यकारी कुलपति प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी ने सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व को रेखांकित किया और विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ तथा पलाश ट्राइबल थिएटर के पुनर्जीवन के लिए प्रकोष्ठ की सराहना की। डॉ. संतोष कुमार सोनकर ने ‘पलाश ट्राइबल थिएटर’ और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ को फिर से सक्रिय करने में कुलपति की भूमिका के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का समापन
सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव डॉ. वीरेंद्र प्रताप के प्रभावशाली संचालन ने इस कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की। सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से बार-बार गूंजता रहा, और श्रोतागण साहित्यिक आनंद में डूबे रहे। यह कवि सम्मेलन न केवल कवियों और श्रोताओं के लिए यादगार बना, बल्कि IGNTU की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Tags

One response to “IGNTU का लक्ष्मण हावनूर ऑडिटोरियम गूंजा कविता की सुरमयी गूंज से”

  1. Dr Santosh Kumar Sonker Avatar
    Dr Santosh Kumar Sonker

    बहुत उत्कृष्ट खबर.

Leave a Reply

Ad with us

Contact us : admin@000miles.com

Admin

Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

Categories

error: Content is protected !!