
2024 का वर्ष भारत के लिए बदलाव, चुनौतियों और उपलब्धियों का गवाह बना। इस वर्ष की मुख्य घटनाओं में लोकसभा और विधानसभा चुनाव, भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाइयाँ, आर्थिक नीतियों में बदलाव, सामाजिक आंदोलनों का उभार, और प्राकृतिक आपदाएँ शामिल रहीं। देश ने इन घटनाओं के माध्यम से अपनी लोकतांत्रिक, आर्थिक, और सामाजिक संरचना को और मजबूत किया।
राजनीतिक घटनाए लोकसभा चुनाव 2024
2024 का लोकसभा चुनाव एक ऐतिहासिक घटना रही, जिसमें सत्ताधारी दल और विपक्षी गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला।
चुनाव आयोग ने निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए। इस दौरान 10,000 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, और अन्य अवैध वस्तुओं की जब्ती हुई। बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, और भ्रष्टाचार।
झारखंड, महाराष्ट्र, और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए।
इन चुनावों में जातीय समीकरण, क्षेत्रीय मुद्दे, और विकास परियोजनाएँ चर्चा का केंद्र रहीं।
चुनाव आयोग ने कई मामलों में नकदी और शराब की खेप पकड़ी, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन रोका जा सका।
विपक्षी दलों ने सत्ता के खिलाफ महागठबंधन बनाया, जिसका उद्देश्य सत्ताधारी दल की नीतियों को चुनौती देना था।
महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, और दिल्ली जैसे राज्यों में विपक्षी एकता को मजबूत किया गया।
भ्रष्टाचार और प्रवर्तन कार्रवाइयाँ ED और CBI की कार्रवाइयाँ
शिमला में ED अधिकारी के परिसरों पर छापेमारी के दौरान नकदी और संपत्तियाँ जब्त की गईं।
हरियाणा के एक उद्योगपति के पास से 46 लाख रुपये नकद, लग्जरी कारें, और अन्य सामान जब्त किया गया।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के लीगल ऑफिसर के घर से 3.79 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
लोकसभा चुनाव से संबंधित जब्तियाँ नकदी 4,000 करोड़ रुपये से अधिक।
शराब 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की।
ड्रग्स और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएँ 1,500 करोड़ रुपये।अन्य प्रमुख मामले
रेलवे भर्ती बोर्ड पटना के चेयरमैन की गिरफ्तारी।
IRS अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामलों में कार्रवाई।
आर्थिक क्षेत्र की घटनाएँ आर्थिक सुधार
भारत ने 7% GDP वृद्धि दर के साथ आर्थिक स्थिरता बनाए रखी।
डिजिटल लेनदेन में वृद्धि, लेकिन डिजिटल फ्रॉड के मामलों में भी वृद्धि हुई।
GST संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि, लेकिन कई जगहों पर GST चोरी के मामलों का खुलासा हुआ।बेरोजगारी
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा बना रहा।
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत नई नौकरियों के अवसर पैदा करने का प्रयास किया महंगाई
खाद्य वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हुई, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
सामाजिक और धार्मिक घटनाएँbमहिला सुरक्षा और आंदोलन
कई राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों ने देश को झकझोर दिया।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को मजबूती मिली धार्मिक उत्सव और विवाद
2024 में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बना।
त्योहारों के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द और विवाद दोनों देखने को मिले।
प्राकृतिक आपदाएँ और जलवायु परिवर्तन बाढ़ और सूखा
असम और उत्तराखंड में बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि हुई।
महाराष्ट्र और गुजरात में सूखे की स्थिति ने किसानों को प्रभावित किया।
ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण भारत में अनियमित मानसून और अत्यधिक गर्मी दर्ज की गई
2024 भारत के लिए एक ऐसा वर्ष रहा, जिसने राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक स्तर पर कई बदलाव देखे। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई, चुनावों में पारदर्शिता, और सामाजिक आंदोलनों ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया। हालांकि, आर्थिक चुनौतियाँ और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे भी उभरकर सामने आए। इस वर्ष की घटनाएँ भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संकेतक साबित होंगी।



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