


संसदीय स्थायी समिति की रक्षा से संबंधित नवीनतम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि तीन साल पहले 8 दिसंबर 2021 को हुए Mi-17V5 हेलिकॉप्टर हादसे, जिसमें भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों और क्रू सदस्यों की मृत्यु हुई थी, का मुख्य कारण मानवीय त्रुटि थी।
यह हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) जा रहा था। कुन्नूर के पास यह खराब मौसम के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना में हेलिकॉप्टर की तकनीकी खराबी का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना का कारण “स्थानिक भ्रम” (Spatial Disorientation) था, जो पायलट द्वारा मौसम और उड़ान की स्थिति का सही आकलन न कर पाने के कारण हुआ।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि हेलिकॉप्टर का क्रू स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहा।
खराब मौसम ने स्थिति को और गंभीर बना दिया, जिससे नियंत्रण खो दिया गया।
दुर्घटना के बाद की कार्रवाई
भारतीय वायुसेना ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच की और रिपोर्ट में मानवीय त्रुटि को प्रमुख कारण बताया।
समिति ने सिफारिश की है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम और बेहतर तकनीकी उपाय लागू किए जाएं।
जनरल बिपिन रावत का योगदान
जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और थिएटर कमांड संरचना को लागू करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। उनके निधन ने देश और सेना को गहरा आघात पहुंचाया Mi-17V5 हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना का एक उन्नत मॉडल है।
रिपोर्ट में तकनीकी खराबी को पूरी तरह से खारिज किया गया है।
दुर्घटना ने सेना में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की आवश्यकता को उजागर किया है।



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