केंद्र सरकार ने पराली जलाने की समस्या पर गंभीर कदम उठाते हुए पराली जलाने वालों पर दोगुना जुर्माना लगाने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य देश में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को कम करना है, जो हर साल सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों को प्रभावित करता है। पराली जलाने से उठने वाला धुआं हवा की गुणवत्ता को खराब कर देता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, और कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
दोगुना जुर्माने का प्रावधान और इसके प्रभाव: यह नया कानून उन किसानों पर लागू होगा जो पराली जलाने के दोषी पाए जाएंगे। अब जुर्माने की राशि पहले की तुलना में दोगुनी होगी, जिससे किसानों को पराली जलाने से रोका जा सकेगा। इसके साथ ही, सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए तकनीकी उपकरणों और मशीनों की उपलब्धता पर भी जोर दिया है, ताकि किसान बिना जलाए पराली का सही ढंग से प्रबंधन कर सकें।
वैकल्पिक प्रबंधन के उपाय: केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अब किसानों को जागरूक करने के लिए पराली के उचित निपटान के लिए कई योजनाएं शुरू कर रही हैं। इनमें सब्सिडी पर पराली प्रबंधन उपकरण जैसे कि सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, हैपी सीडर, मल्चर आदि शामिल हैं। किसानों को पराली का उपयोग खाद के रूप में करने या उससे बायोगैस उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ किसान की आय में भी बढ़ोतरी हो सके।
सहायता और जागरूकता अभियान: सरकार जुर्माने के साथ-साथ सहायता और जागरूकता अभियानों पर भी ध्यान दे रही है। किसानों के बीच पराली जलाने के नुकसान और वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों, एनजीओ, और स्थानीय संगठनों को शामिल किया जा रहा है। साथ ही, राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को जागरूक करने और उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए ग्रामीण स्तर पर भी अभियान चलाएं।
केंद्र सरकार के इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान पराली जलाने से बचें और पर्यावरण को सुरक्षित रखें।
केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि राज्य और क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आम तौर पर इसे निम्नलिखित प्रकार से लागू किया गया है: छोटे किसानों (2 एकड़ तक) – लगभग 2,500 रुपये प्रति घटना।
मध्यम किसान (2 से 5 एकड़) – लगभग 5,000 रुपये प्रति घटना।
बड़े किसान (5 एकड़ से अधिक) – लगभग 15,000 रुपये प्रति घटना।
सरकार ने इन जुर्मानों को दोगुना करने का निर्णय लिया है, जिससे अब किसानों को इसके लिए लगभग 5,000 रुपये, 10,000 रुपये, और 30,000 रुपये प्रति घटना के अनुसार भुगतान करना होगा, यदि वे पराली जलाते पाए जाते हैं।
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