भोपाल की केंद्रीय जेल में दीवाली के समय फिर से गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। इस घटना ने आठ साल पहले सिमी आतंकियों के जेल ब्रेक की याद दिला दी है, जब दीवाली के दिन ही सुरक्षा व्यवस्था को भेदते हुए आतंकी फरार हो गए थे। इस बार, जेल में बंद खूंखार अपराधी राजेश ने ISIS के आतंकी शाहिद पर हमला कर दिया। शाहिद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जून 2023 में जबलपुर से गिरफ्तार किया था। वह आतंकवादी संगठन ISIS से जुड़ा हुआ है, और उस पर कई गंभीर आरोप हैं।
राजेश, जो जेल के भीतर ही दो अन्य कैदियों की हत्या कर चुका है, एक बेहद खतरनाक कैदी माना जाता है। उसका हमला जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। जेल के अंदर होने वाले इस हमले से यह बात भी सामने आती है कि कैदियों की आपसी दुश्मनी को लेकर जेल प्रशासन सजग नहीं है। यह हमला जेल के अंदर सुरक्षा की गंभीरता को उजागर करता है, खासकर जब आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी व्यक्ति पर हमला हो रहा हो।
ISIS आतंकी शाहिद पर हमला
शाहिद, जिसे NIA ने 2023 में गिरफ्तार किया था, ISIS जैसे खतरनाक संगठन से संबंध रखता है। इस प्रकार के आतंकियों को उच्च स्तर की सुरक्षा में रखा जाना आवश्यक है, लेकिन जेल प्रशासन की लापरवाही से उस पर हमला हो गया। बताया जा रहा है कि राजेश ने शाहिद पर हमला करने के लिए किसी तरह हथियार का उपयोग किया। यह घटना इस ओर संकेत करती है कि जेल में कैदियों के पास न सिर्फ आपराधिक सोच जारी है बल्कि वे आंतरिक झगड़े में भी हिंसा का सहारा ले रहे हैं।
हमीदिया अस्पताल में सुरक्षा चूक
शाहिद पर हमले के बाद उसे इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया, जहां सुरक्षा व्यवस्था में भी चूक हुई। हॉक-फोर्स जैसी विशेष सुरक्षा व्यवस्था की अनुपस्थिति में उसे सिर्फ जेल गार्ड के साथ अस्पताल भेजा गया। बिना किसी विशेष सुरक्षा व्यवस्था के ISIS के आतंकी को लेकर आना, प्रशासन की लापरवाही को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। आतंकी शाहिद का संबंध एक खतरनाक संगठन से होने के बावजूद, उसे आम कैदियों की तरह ही सुरक्षा दी गई।
इस पूरी घटना को लेकर गांधीनगर थाने में FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जेल के सुरक्षा इंतजामों में सुधार की आवश्यकता है। रिपोर्ट मांगी जा रही है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
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