यदि जांच में शासकीय पाया जाए तो सरकार के नाम दर्ज करें तालाब

यदि जांच में शासकीय पाया जाए तो सरकार के नाम दर्ज करें तालाब



-हाई कोर्ट ने कलेक्टर को दिए निर्देश : जांच प्रक्रिया में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप पर लगाई रोक

जबलपुर : हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने कलेक्टर रीवा को निर्देश दिया है कि वे करहिया तालाब की जांच करें। यदि एक वर्ष के भीतर पूर्ण होने वाली जांच में तालाब शासकीय पाया जाए तो सरकार के नाम दर्ज करें। जांच प्रक्रिया में किसी तीसरे पक्ष के हित के सृजन पर रोक रहेगी।

याचिकाकर्ता रीवा निवासी मोहम्मद शहीद अंसारी की ओर से शीतला प्रसाद त्रिपाठी व सुशील त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि सुनील सिंह ने अपने, अपनी पत्नी मीता सिंह और अपनी सोसायटी साईं एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के नाम शासकीय सार्वजनिक तालाब करहिया, रीवा को दर्ज करा लिया है। मप्र शासन से अवैध रूप से खरीद व राजस्व अभिलेख में नाम दर्ज कराए जाने के रवैये की जांच अावश्यक है। इसी बीच सिंह परिवार की ओर से आपत्ति प्रस्तुत कर दी गई कि कलेक्टर रीवा को जांच का अधिकार नहीं है। कलेक्टर ने यह आपत्ति निरस्त कर दी। इसके बाद मामला राजस्व मंडल पहुंचा, जहा से कलेक्टर रीवा की जांच पर रोक लगा दी गई। हाई कोर्ट ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद कलेक्टर को जांच के लिए स्वतंत्र करने का महत्वपूर्ण आदेश पारित किया।

Tags

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Ad with us

Contact us : admin@000miles.com

Admin

Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

Categories

error: Content is protected !!
en_USEnglish