डीजीपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र
जबलपुर। मध्य
प्रदेश हाईकोर्ट की एकलपीठ ने हिरासत में युवक से बेरहमी से मारपीट की घटना पर संज्ञान लेते हुए डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) को संबंिधत थाने के पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर और 900 किमी दूर स्थानांतरण के आदेश दिए थे। एकलपीठ के फैसले के खिलाफ राज्य शासन की ओर से डिवीजन बेंच के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई। जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने डीजीपी को कहा है िक वे स्वयं जाँच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। डिवीजन बेंच ने कहा िक डीजीपी एकलपीठ के आदेश में कही हुई बातों से प्रभावित हुए बिना निर्णय लें।एकलपीठ ने पुलिस कर्मियों पर एक लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया था। डिवीजन बेंच ने इस आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी। अपील पर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह व उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया िक दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कुछ पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि कुछ के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी गई है। जाँच अभी लंबित है। कोर्ट ने डीजीपी को सीलबंद कवर में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
-ये है मामला अनूपपुर निवासी अखिलेश पांडे नामक युवक ने एकलपीठ के समक्ष याचिका दायर कर बताया था िक उसके खिलाफ फर्जी अपराध दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने दलील दी कि याचिकाकर्ता एक कंपनी का मैनेजर है। अनूपपुर के भालूमाड़ा थाने की पुलिस उससे पाँच हजार रिश्वत माँग रही थी। राशि नहीं देने पर फर्जी केस बनाया गया। थाने में मारपीट की गई। एक पुलिस कर्मी ने स्वयं अपनी वर्दी फाड़ी और दोष याचिकाकर्ता पर लगा दिया।
–सुको के आदेश का पालन करें एकलपीठ ने आदेश दिए थे िक प्रदेश के पुलिस थानों के प्रत्येक कमरे में आॅडियो सुविधा के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ। एकलपीठ ने कहा था कि इस मामले में किसी भी तरह की चूक पर अवमानना कार्रवाई की जाएगी। डिवीजन बेंच ने डीजीपी को कहा कि सीसीटीवी इंस्टाॅलेशन नहीं करने या अनुचित इंस्टॉलेशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करें।
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