“पीआईए: आसमान की उड़ान या नाकामी का सफ़र?”
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआईए) की स्थिति आज किसी पुरानी, धूल-धूसरित किताब जैसी है, जिसे कई लोग खोलकर देखना नहीं चाहते। कभी वह एक उत्कृष्ट सेवा और गर्व का प्रतीक थी, पर आज के दौर में यह बदइंतजामी, विवादों, और हास्यजनक घटनाओं का पर्याय बन गई है। पीआईए का यह पतन अचानक नहीं हुआ, बल्कि वर्षों से खराब प्रबंधन, आर्थिक संकट और विवादों का परिणाम है। यह “आसमान की उड़ान” से “नाकामी का सफर” तक कैसे पहुंची, यह एक विडंबनापूर्ण कहानी है।
नकली लाइसेंस कांड उड़ान या जान की बाज़ी?
2020 में, जब पाकिस्तान के विमानन मंत्री ने घोषणा की कि पीआईए के पायलटों में से कई ने नकली लाइसेंस प्राप्त किए हैं, तो लोगों के होश उड़ गए। यह एक हास्यजनक और दुखद स्थिति थी, जिसने पीआईए की प्रतिष्ठा पर बड़ा धक्का लगाया। यूरोप और अन्य देशों ने पीआईए की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया, और इस कांड के बाद पीआईए ने एक ही बार में खुद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर हास्य का पात्र बना लिया। सोचिए, जब उड़ान के पायलट को खुद ही अपनी योग्यता का प्रमाण न हो, तो वह यात्री क्या सोचेंगे? शायद यही कि उन्होंने हवाई सफर का टिकट नहीं, बल्कि जान की बाजी लगा दी है।
“नकदी नहीं, सुविधा नहीं”: आर्थिक संकट का कुचक्र
पीआईए का दूसरा बड़ा संकट आर्थिक है। यहां तक कि अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी इसके पास पैसे नहीं बचे थे। एक समय था जब पीआईए को शान से भरा हुआ देखा जाता था, लेकिन आज यह सरकारी मदद का मोहताज है। सरकारी अनुदान के बावजूद, पीआईए का आर्थिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। शायद यह तब तक चलता रहेगा जब तक कि पीआईए की सेवाएं “फ्री फॉर ऑल” जैसी नहीं हो जातीं। इस परिभाषा में मजा यह है कि अब पीआईए की उड़ान लेना सस्ता हो सकता है, लेकिन क्या सच में कोई उसमें उड़ान भरने की हिम्मत करेगा?
पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर?”
पीआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया जो कम हास्यजनक था। उनके बयान ने पूरे पाकिस्तान की किरकिरी करवा दी। उन्होंने पीआईए के खराब प्रदर्शन पर कुछ ऐसे अजीबो-गरीब सुझाव दिए जो सुनने में ही अविश्वसनीय लगे। उनके सुझाव न केवल हवाई यात्रा के क्षेत्र में हंसी का पात्र बने।
पीआईए में यात्रा करना एक साहसिक अनुभव हो सकता है। पीआईए की उड़ानों में साफ-सफाई की कोई गारंटी नहीं है। कई यात्रियों की शिकायत है कि पीआईए की सीटें गंदगी से भरी होती हैं, और उड़ान में भोजन से लेकर बुनियादी सुविधाओं तक की कमी होती है। ऐसा प्रतीत होता है कि पीआईए ने “सफाई” को अपनी नीतियों से हटा दिया है,
पाकिस्तान सरकार ने पीआईए में सुधार के प्रयास किए हैं, जैसे पायलट लाइसेंस की सख्त जांच, नई नियुक्तियां और सेवा सुधार, लेकिन यह सब ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा लगता है।
यह एक ऐसी एयरलाइन है जो बदनामी और विफलताओं के सागर में डूब रही है। नकली लाइसेंस कांड से पीआईए की “नाकामी की उड़ान” लोगों के लिए न केवल मनोरंजन का विषय बन गई है, बल्कि पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी का कारण भी बन चुकी है।
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