जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बताया गया िक याचिकाकर्ता ने कानूनी रूप से जब अपनी जमीन वापस ली, तो विरोधी पक्ष ने झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने गृह सचिव, डीजीपी, आईजी नर्मदापुरम, एसपी बैतूल सहित कुल नाै अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। कोर्ट ने मामले से संबंधित केस डायरी भी पेश करने कहा है।
बैतूल निवासी महेशचंद जायसवाल व राहुल जायसवाल की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा, अंजना श्रीवास्तव व अभिमन्यु सिंह ने पक्ष रखा। उन्हाेंने दलील दी कि याचिकाकर्ता भैंसदेही तहसील के लगभग दस हजार वर्गफीट जमीन के मालिक थे। उन्होंने यह जमीन आरती सरवे को पेट्रोल पंप चलाने के लिए दी थी। दोनों पक्षों के बीच में इस संबंध में इकरारनामा लिखा गया था। उसका उल्लंघन करने पर दीवानी वाद दायर किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद मचकुरी के माध्यम से आरती सरवे को उक्त भूमि खाली करनी पड़ी। उक्त भूमि पर बाउंड्री बनाते समय आरती ने याचिकाकर्ता एवं उसके पुत्र के साथ अभद्र व्यवहार किया। लिहाजा, एफआईआर दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की। बाद में एक प्रकरण याचिकाकर्ता के विरुद्ध दर्ज कर उसे परेशान किया जाने लगा।
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