बांधवगढ़ में एक साथ 8 हाथियों की रहस्यमयी मौत, वन विभाग और जांच एजेंसियों के बीच मचा हड़कंप!

बांधवगढ़ में एक साथ 8 हाथियों की रहस्यमयी मौत, वन विभाग और जांच एजेंसियों के बीच मचा हड़कंप!

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला वन्यजीव संरक्षण  सुरक्षा और सतर्कता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है। इस समय तक आठ हाथियों की मौत हो चुकी है, और दो अन्य की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यह घटना चिंता का विषय है और वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB), राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और राज्य वन विभाग द्वारा सक्रिय जांच की आवश्यकता को इंगित करती है।



बांधवगढ़ में चार हाथियों के मृत पाए जाने और पांच हाथियों के बेहोश मिलने के बाद से पूरा वन विभाग सतर्क हो गया। दुर्भाग्यवश, बेहोश हाथियों में से चार ने बाद में दम तोड़ दिया, जिससे मरने वाले हाथियों की संख्या आठ हो गई। इस घटना के बाद NTCA की टीम, कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व की टीम, साथ ही STSF चीफ और डॉग स्क्वॉड मौके पर पहुंच चुके हैं। NTCA के AIG सेंट्रल जोन नंदकिशोर काले भी व्यक्तिगत रूप से जांच के लिए उपस्थित हैं। PCCF और CWLW भी घटनास्थल का दौरा करेंगे।

संभावित कारण और तस्करी की आशंका

हाथियों की संदिग्ध मौत के पीछे कुछ संभावित कारण

विषाक्त पदार्थों का सेवन – जांच के दौरान संभावना जताई जा रही है कि हाथियों ने कोई जहरीला पदार्थ खाया हो सकता है। जंगल में कई बार शिकारियों द्वारा जंगली जानवरों को मारने के लिए जहरीले पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है।




बीमारी का प्रकोप – कुछ मामलों में, हाथियों में अचानक बीमारी का प्रकोप भी मृत्यु का कारण बन सकता है। अगर किसी प्रकार की संक्रामक बीमारी फैली हो, तो वह पूरी झुंड को प्रभावित कर सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों की एक टीम हाथियों का पोस्टमॉर्टम कर रही है।

मानव-पशु संघर्ष – कई बार खेती के संरक्षण के लिए स्थानीय ग्रामीण या किसान जानवरों को मारने के लिए जहर का उपयोग करते हैं। यह संभव है कि इन हाथियों ने गलती से वह जहर खा लिया हो, जो अन्य जानवरों के लिए रखा गया था।





मृत्यु के कारण का पता लगाना – डॉक्टरों की टीम द्वारा हाथियों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है, जिससे उनके मरने के कारणों का पता लगाया जा सके।

कानूनी कार्यवाही और जांच एजेंसियों का सम्मिलन – NTCA, WCCB, और राज्य वन विभाग की संयुक्त टीम इस मामले में हाथियों की मौत की तह तक जाने के लिए जुटी हुई है। साथ ही, कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों की टीमों को भी जांच के लिए भेजा गया है।

संवेदनशील क्षेत्र में सतर्कता – ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग को बांधवगढ़ और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता है।

डॉग स्क्वॉड का उपयोग – किसी प्रकार की तस्करी या शिकार की संभावना को पूरी तरह खारिज करने के लिए, डॉग स्क्वॉड का उपयोग कर गहराई से जांच करनी चाहिए डॉग स्क्वॉड के माध्यम से अन्य साक्ष्यों को ढूंढ़ा जा सकता है।



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