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अनूपपुर पुलिस ने 9 माह से गुमशुदा नाबालिग बालिका को खोज कर परिजनों को लौटाया, दीपावली पर दिया अनमोल उपहार

अनूपपुर पुलिस ने 9 माह से गुमशुदा नाबालिग बालिका को खोज कर परिजनों को लौटाया, दीपावली पर दिया अनमोल उपहार

अनूपपुर कोतवाली पुलिस द्वारा एक गुमशुदा नाबालिग बालिका की खोजबीन और उसे परिजनों के पास सुरक्षित लौटाने की यह घटना एक सकारात्मक पुलिस प्रयास का प्रतीक है। इस तरह की घटनाएं, जहां एक लंबे समय से गुमशुदा बच्ची को खोजकर परिजनों को सौंपा जाता है, समाज में पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाती हैं और उनकी सजगता व जिम्मेदारी को दर्शाती हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई, जांच के तकनीकी पहलू, और विस्तृत खोजबीन के बाद गुमशुदा बच्ची की बरामदगी ने ना केवल उसके परिवार के लिए दीपावली का उपहार प्रदान किया है, बल्कि यह घटना सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रेरणादायक बन गई है।

प्रारंभिक रिपोर्ट और पुलिस कार्यवाही
इस मामले की शुरुआत 15 जनवरी 2024 को हुई, जब एक ग्रामीण ने अपनी 16 वर्षीय बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतवाली अनूपपुर में दर्ज कराई। परिजनों द्वारा जब पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान से संपर्क किया गया, तो उन्होंने तुरंत टी.आई. अरविन्द जैन को मामले में विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया। पुलिस अधीक्षक का यह कदम उनकी सक्रियता और अपराध नियंत्रण के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। जांच दल का गठन कर, क्षेत्र के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज की जाँच और कॉल डिटेल्स के आधार पर  खोजबीन शुरू  की गई।

विशेष खोजबीन अभियान और तकनीकी जांच अनूपपुर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल्स, और अन्य तकनीकी पहलुओं का इस्तेमाल कर बच्ची को ढूँढ निकाला। जांच दल ने कई स्थानों जैसे अनूपपुर, शहडोल, कटनी, जबलपुर, और बिलासपुर के रेलवे स्टेशनों की पड़ताल की। यह तकनीकी विश्लेषण बताता है कि कैसे आज के आधुनिक समय में डिजिटल साधनों का कुशल उपयोग अपराध की रोकथाम और समाधान में अत्यंत सहायक  है।

परिजनों को मिला दीपावली उपहार
नौ महीने बाद अपनी बेटी को सही सलामत वापस पाकर बच्ची के परिजनों के लिए यह घटना किसी उपहार से कम नहीं है। अनूपपुर पुलिस ने इसे “दीपावली उपहार” के रूप में परिजनों को सौंपा, जिससे उनके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। यह घटनाक्रम एक समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रतीक है, जहां पुलिस ने एक परिवार की पीड़ा को दूर करने का संकल्प लिया और उसे सफलतापूर्वक निभाया। परिजनों द्वारा पुलिस अधीक्षक और कोतवाली पुलिस का हृदय से आभार व्यक्त करना इस बात का प्रमाण है कि किस तरह एक संवेदनशील और मानवीय पुलिस बल समाज में सुरक्षा और शांति को स्थापित कर सकता है।

समाज और अभिभावकों के लिए आवश्यक संदेश
घटना के अंत में पुलिस अधीक्षक ने अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने नाबालिग बच्चों पर विशेष निगरानी रखें। सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों की गतिविधियों को देखना, उनसे संवाद बनाए रखना, और उनके मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित रखना महत्वपूर्ण है। यह सलाह न केवल इस मामले में प्रासंगिक है, बल्कि वर्तमान समय में मोबाइल और इंटरनेट के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों को देखते हुए अत्यंत आवश्यक भी है।

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Anuppur
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