अनूपपुर, कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने इस बार दीपावली की खुशियों को न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि समाज के उन बच्चों के साथ भी बांटने का संकल्प लिया जो अपने परिवार से दूर बाल गृह या चिकित्सालय में हैं। सपत्नीक इस दिवाली के मौके पर कलेक्टर श्री पंचोली और उनकी पत्नी, महिला बाल विकास विभाग की सहायक संचालक श्रीमती मंजूषा शर्मा, ममता बाल गृह और जिला चिकित्सालय के बच्चा वार्ड पहुंचे। इस अवसर पर दोनों ने न केवल बच्चों को उपहार दिए बल्कि उनसे बातचीत कर उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं के बारे में भी जाना।
ममता बाल गृह में कलेक्टर की विशेष उपस्थिति
दीपावली के इस शुभ अवसर पर कलेक्टर पंचोली ने बच्चों को मिठाई, कपड़े, खिलौने और अन्य जरूरी सामग्री प्रदान की। बाल गृह के बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के प्रयास में उन्होंने उन बच्चों के साथ दीपावली की खुशियों को साझा किया, जो जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। कलेक्टर ने बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के संबंध में चर्चा की और बाल गृह के स्टॉफ से बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत का संपूर्ण ध्यान रखा जाए। बाल गृह में बच्चों की देखभाल, सुरक्षा, शिक्षा और पोषण के स्तर को ऊंचा रखने के लिए कलेक्टर ने आवश्यक सुझाव दिए। बच्चों की मानसिक और भावनात्मक सेहत पर जोर देते हुए कलेक्टर ने कहा कि दीपावली जैसे पर्व पर बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है ताकि वे खुद को समाज का अभिन्न हिस्सा समझें।
जिला चिकित्सालय में बच्चा वार्ड का निरीक्षण और दीवाली की खुशियाँ
इसके बाद कलेक्टर पंचोली और उनकी पत्नी जिला चिकित्सालय के बच्चा वार्ड पहुंचे, जहाँ वे उन बच्चों से मिले जो किसी न किसी वजह से अस्पताल में उपचाराधीन हैं। कलेक्टर ने बच्चों को मिठाई और खिलौने भेंट करते हुए उनके जल्द ठीक होने की कामना की। इस अवसर पर चिकित्सालय के वरिष्ठ डॉक्टर एस.सी. राय और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे। बच्चों को इस विशेष मौके पर खुश देखकर स्टाफ के सदस्यों में भी उत्साह का माहौल था।
कलेक्टर पंचोली ने चिकित्सालय के कर्मचारियों से बच्चों की देखभाल के मानकों और उनके उपचार के दौरान मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बच्चों की उपचार प्रक्रिया, पोषण, और स्वास्थ्य के मानकों को सुधारने के निर्देश दिए ताकि बच्चे स्वस्थ वातावरण में जल्द से जल्द ठीक हो सकें।
दीपावली के साथ संवेदना का संचार
कलेक्टर पंचोली ने बच्चों के साथ बात करते हुए उन्हें समझाया कि दीपावली का मतलब सिर्फ पटाखे जलाना और मिठाई खाना नहीं होता, बल्कि यह खुशियाँ बांटने का पर्व है। उनके इस सरल और संवेदनशील संदेश से बच्चों में एक विशेष भावना जागी। बच्चों ने भी उनके साथ इस खास अवसर को मना कर खुद को विशेष महसूस किया।
इस मौके पर उन्होंने सभी कर्मचारियों को भी संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ बच्चों की देखभाल करने का संदेश दिया। उनके अनुसार, अगर हम बच्चों के साथ प्रेम और अपनापन दिखाते हैं, तो समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
नई योजनाओं और सुधार के निर्देश
बाल गृह और बच्चा वार्ड में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण करने के बाद कलेक्टर पंचोली ने स्टॉफ को निर्देश दिए कि सभी मानक गाइडलाइन्स का पालन करते हुए बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने बाल गृह के बच्चों की पढ़ाई और उनकी दैनिक आवश्यकताओं का विशेष ख्याल रखने पर जोर दिया।
बाल गृह के अधीक्षक और जिला चिकित्सालय के प्रमुखों को निर्देश देते हुए उन्होंने बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत के विकास के लिए नए सुधारात्मक उपाय अपनाने के निर्देश दिए। इस मौके पर, उन्होंने बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम और कार्यशालाओं के आयोजन की संभावनाओं पर भी विचार किया ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके।
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