
-हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को चार सप्ताह में निराकरण करनें के दिए निर्देश
जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की एकलपीठ ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लोक निर्माण विभाग में नियुक्ति व पदोन्नति प्राप्त करने की शिकायत का निराकरण चार सप्ताह में करने के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत वैश्य की ओर से अधिवक्ता सौरव कुमार तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि लोक निर्माण विभाग, जबलपुर में पदस्थ प्रभारी मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र वर्मा के विरुद्ध इस आशय की शिकायतें प्राधिकृत अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की गई थीं कि उनके द्वारा 19 जुलाई, 1992 को लोक निर्माण विभाग में सहायक यंत्री सिविल का अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पद प्राप्त कर न अवैध रूप से अनुविभागीय अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री व मुख्य अभियंता पद पर पदोन्नति आदि लाभ प्राप्त किया। साथ ही आय से अधिक संपत्ति भी अर्जित की। इन शिकायतों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और न ही सुरेश चंद्र वर्मा की जाति की जांच की गई जिस वजह से उसे धनगड़ अनुसूचित जनजाति का लाभ प्रदान किया जा रहा है। राज्य शासन की ओर से शासकीय पैनल अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव द्वारा अंडरटेकिंग दी गई कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर कानून के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।




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