जबलपुर की महिला हरियाणा में कर रही अपनों का इंतजार:एक साल पहले पहुंच गई थी हिसार, भाग्यश्री है उसका नाम, आश्रम में गुजार रही दिन
जबलपुर। हरियाणा के हिसार शहर में घूमने वाली एक महिला को लोग पागल करार दे चुके हैं, लेकिन, वो खुद को जबलपुर की रहने वाली बताती है और जल्दी अपने घर लौटना चाहती है। हरियाणा और मध्यप्रदेश की पुलिस कोशिश कर रही हैं पर अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी है। खुद का नाम समीक्षा मुखर्जी बताने वाली ये महिला बीते एक साल से हरियाणा के हिसार स्थित एक मंदबुद्धि आश्रम में है। पूछताछ के दौरान महिला ने पुलिस को बताया कि वह गढ़ा,जबलपुर क्षेत्र की रहने वाली है। आश्रम संचालक ने हिसार पुलिस की मदद से जबलपुर पुलिस और महिला के परिजनों को सूचना दी पर कोई नहीं आया। हिसार क्राइम ब्रांच की टीम को महिला उस समय मिली थी, जब वह फुटपाथ पर घूम रही थी। बताया जा रहा है कि जबलपुर में 43 वर्षीय महिला के पति सहित दो बच्चे हैं। उसकी बड़ी बहन इंदौर के कृषि विश्वविद्यालय में पदस्थ है। आश्रम ने मोबाइल के जरिए महिला के परिजनों से संपर्क करने का प्रयास किया पर बात नहीं हो पाई। ऐसे में अब एक बार फिर हरियाणा पुलिस और आश्रम प्रबंधन ने जबलपुर पुलिस को सूचना देते हुए कहा है कि महिला अपने पति और बच्चों के साथ रहना चाहती है।
–जब मिली थी तब क्या हालत थी
जानकारी के मुताबिक अक्टूबर 2023 में महिला हिसार जिले के रानी दुर्गावती मार्ग के पास सड़क पर घूमते हुए पुलिस को मिली, इसके बाद भाग्यश्री आश्रम की मदद से महिला का रेस्क्यू किया गया और फिर साथ में ले आए। इस दौरान महिला मानसिक रूप से बहुत ज्यादा डिस्टर्ब थी और जरा-जरा सी बात पर उत्तेजित हो रही थी। संचालिका बाला वर्मा ने बताया कि जिस दौरान उसे लाया गया था, वह बार-बार एक ही बात कह रही थी कि उस पर काला जादू किया गया है, इसलिए वह घर से निकली है। महिला यह भी कह रही थी कि उसे भारत भ्रमण करना है। आश्रम में रखने के दौरान उसकी रोजमर्रा की जरूरत के साथ-साथ इलाज भी किया गया। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसके पति का नाम अभिषेक मुखर्जी है जो गढ़ा में रहते है। वर्तमान में महिला की दशा काफी हद तक है। यहां पर उसका इलाज जारी है।
-कब छोड़ा था उसने घर
आश्रम की संचालिका बाला वर्मा ने बताया कि महिला से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि चार माह पहले जुलाई 2023 में घर छोड़ दिया था, घूमते-घूमते यहां तक पहुंच गई। वो अब काफी हद तक ठीक हो गई है, उसका मन करता है तो काम भी करती है पर अधिकतर समय अकेले बैठी रहती है और अपने आप से बात करने के दौरान एक ही बात कहती है कि मुझे बच्चों के पास जाना है। आश्रम संचालिका का कहना है कि जब कभी उसका मूड ठीक रहता है तो खुद से मेरे पास आती है और अपना पता जबलपुर गढ़ा का बताते हुए कहती है कि उसके पति का नाम अभिषेक मुखर्जी ये लोग दो भाई हैं और दूसरे का नाम अभिजीत मुखर्जी है। बात करने के दौरान कई बार बातों-बातों में फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोली है। महिला का कहना है कि उसकी एक बहन इंदौर कृषि विश्वविद्यालय के हॉर्टिकल्चर विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर है. जिनका नाम महिला दीक्षा टेंबरे है। आश्रम संचालिका ने जब फोन के माध्यम से बात की तो उनका कहना था कि ये बार-बार इस तरह की हरकत करती है, हम कहां तक इसका ध्यान रखेंगे। वहीं महिला के पति अभिषेक मुखर्जी से भी बात करने की कोशिश की पर संपर्क नहीं हो पाया।
— मुंह पर कालिख लगा लेती थी
बाला वर्मा का कहना है कि जिस दौरान महिला को लाया गया था, वह मानसिक रूप से बहुत ज्यादा विक्षिप्त थी। जरा-जरा सी बात पर गुस्सा हो जाती थी। सामान फेंकना, इस तरह की हरकत करती थी। आश्रम में इलाज किया गया, दवाइयां दी और अब वह काफी हद तक ठीक भी हो गई है। जब कभी उसका मन ठीक होता तो एक ही बात कहती कि मेरा घर जबलपुर में है, मेरे पति-बच्चे हैं। मुझे घर जाना है। जब कभी उसे गुस्सा आता है तो अजीब-अजीब बात करना, मुंह पर कालिख लगा लेना, जूतों को सिर पर उठा लेना, आश्रम में छिप जाना जैसी हरकत करती है।
वर्जन
जबलपुर से पुलिस टीम जाएगी हिसार
हमारी जानकारी में यह मामला नहीं है। महिला अगर गढ़ा में रहना बता रही है तो पुलिस टीम को मौके पर भेजकर पता लगाया जाएगा कि जिस नाम के व्यक्ति को वह अपना पति बता रही है, वह क्यों उसे लेने नहीं जा रहा है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह, जबलपुर सीएसपी





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