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फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग फर्मों द्वारा निवेशकों को बड़े रिटर्न का वादा कर  ठग लिया गया। फर्मों ने लोगों को गलत जानकारी और झूठे प्रलोभन देकर उनका पैसा निवेश करवाया।

फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग फर्मों द्वारा निवेशकों को बड़े रिटर्न का वादा कर  ठग लिया गया। फर्मों ने लोगों को गलत जानकारी और झूठे प्रलोभन देकर उनका पैसा निवेश करवाया।

असम सरकार ने हाल ही में एक बड़े स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले से जुड़े 41 मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है कि घोटाले के पीड़ित निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।

स्टॉक ट्रेडिंग घोटाला:

यह घोटाला असम में पिछले कुछ समय से चर्चा में है, जिसमें कई निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई गवां दी। इस घोटाले में  जैसे-जैसे समय बीता, निवेशकों का पैसा ठग लिया गया, और उन्हें कोई लाभ या रिटर्न नहीं मिला। असम सरकार की ओर से इस मामले में कई शिकायतें दर्ज की गईं, जिसके बाद CBI जांच की मांग उठी।

असम सरकार की भूमिका:

असम सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए CBI को 41 मामलों की जांच के लिए अधिसूचना जारी की है। यह घोटाला राज्यभर में हजारों निवेशकों को प्रभावित कर चुका है, जिनमें से अधिकांश मध्यम और निम्न वर्ग के लोग हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा की अगुवाई में सरकार CBI के साथ पूरी तरह सहयोग कर रही है। सरकार का मुख्य उद्देश्य घोटाले की जल्दी और निष्पक्ष जांच करवाना है

असम में हुए ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले में कुल 41 मामले सामने आए हैं, जिन्हें अब सीबीआई को सौंप दिया गया है। असम सरकार के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि इन सभी मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा की जाएगी, ताकि प्रभावित निवेशकों को न्याय दिलाया जा सके।

यह घोटाला अगस्त 2024 के अंत में तब सामने आया जब निवेशकों ने शिकायत की कि उन्हें उनके निवेश पर वादा किए गए रिटर्न नहीं मिले। इन मामलों में कई युवाओं द्वारा प्रमोट की गई कंपनियों ने राज्यभर में सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश जुटाया था, जिसमें निवेशकों को शेयर बाजार में भारी रिटर्न का लालच दिया गया था। प्रमुख आरोपी दीपनकर बर्मन, जो इन मामलों में शामिल एक प्रमुख कंपनी के मालिक हैं, अभी तक फरार हैं। इस घोटाले से जुड़े 65 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और 14 विशेष जांच दल (SIT) गठित किए गए थे।

इन मामलों में शामिल प्रमुख कंपनियों और गिरफ्तारियों का विस्तृत विवरण अभी भी जांच के अधीन है, और सीबीआई द्वारा इन सभी मामलों की पूरी तरह से छानबीन की जा रही है।

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