
“निर्वाचन आयोग ने लगाई तबादलों पर रोक — 7 फरवरी 2026 तक कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार यथास्थान रहेंगे”
भोपाल, 31 अक्टूबर 2025।
मध्य प्रदेश में प्रशासनिक तबादलों पर फिलहाल पूर्ण विराम लग गया है। निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य (SIR) और मतदाता सूची संशोधन कार्यक्रम को देखते हुए 7 फरवरी 2026 तक किसी भी कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार स्तर के अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा।
निर्वाचन आयोग का आदेश — स्थिरता जरूरी
राज्य निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान प्रशासनिक स्थिरता बेहद आवश्यक है, ताकि निर्वाचन कार्य की पारदर्शिता, निष्पक्षता और सटीकता बनी रहे।
इसलिए “अत्यावश्यक प्रशासनिक कारणों को छोड़कर” कोई भी अधिकारी अपने वर्तमान पदस्थापन से नहीं हटाया जाएगा।
SIR (Special Intensive Revision) का कार्यक्रम
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के लिए आयोग ने विस्तृत कैलेंडर जारी किया है —
मूल्यांकन एवं प्रशिक्षण अवधि: 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025 तक
घर-घर गणना (House to House Verification): 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025 तक
प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन: 9 दिसम्बर 2025
दावे एवं आपत्तियाँ दर्ज करने की अवधि: 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
क्यों लगाया गया तबादला प्रतिबंध
निर्वाचन आयोग का मानना है कि घर-घर मतदाता सत्यापन और सूची पुनरीक्षण जैसे संवेदनशील कार्यों में अनुभवशील स्थानीय अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अगर इस दौरान तबादले किए जाते हैं, तो न केवल प्रक्रिया प्रभावित होगी, बल्कि सटीक मतदाता आंकड़ों में त्रुटि की संभावना भी बढ़ेगी।
सभी जिला कलेक्टर (जिन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी का प्रभार भी होता है)
एसडीएम / उप जिला निर्वाचन अधिकारी तहसीलदार / सहायक निर्वाचन नोडल अधिकारी
इन अधिकारियों को अपने जिलों व क्षेत्रों में SIR कार्य की जिम्मेदारी निभानी होगी।
प्रशासनिक हलकों में मिला मिश्रित प्रतिसाद
जहां कई अधिकारी इसे “चुनावी स्थिरता के लिए स्वागतयोग्य निर्णय” बता रहे हैं, वहीं कुछ जिलों में स्थानांतरण की प्रतीक्षा कर रहे अधिकारियों में निराशा भी है।
राज्य सचिवालय सूत्रों के अनुसार, चुनावी तैयारियों और मतदाता सूची सुधार की पारदर्शिता को देखते हुए आयोग का निर्णय प्रशासनिक दृष्टि से आवश्यक था।
यह आदेश न केवल प्रशासनिक स्थिरता सुनिश्चित करेगा, बल्कि आगामी विधानसभा और निकाय चुनावों की तैयारियों को भी सुगम बनाएगा।
7 फरवरी 2026 तक जारी यह प्रतिबंध राज्य में लगभग 55 जिलों और सैकड़ों उपखंड कार्यालयों पर लागू रहेगा।
मध्य प्रदेश में इस आदेश के साथ अब आने वाले तीन महीनों तक प्रशासनिक फेरबदल पर रोक रहेगी।
कलेक्टर से लेकर तहसील स्तर तक सभी अधिकारी अब अपने मौजूदा पद पर रहकर मतदाता सूची सुधार और पुनरीक्षण की निगरानी करेंगे।



Leave a Reply