
अनूपपुर।
लोक-आस्था, शुचिता और सूर्य उपासना के अद्वितीय पर्व छठ महापर्व के पावन अवसर पर अनूपपुर जिले के प्रमुख छठ घाटों—सामतपुर मढ़फा तालाब, बिजुरी, राजनगर, कोतमा और चचाई में सोमवार की शाम श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह एकत्रित हुआ। श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया और परिवार, समाज तथा राष्ट्र की सुख-समृद्धि की मंगल कामना की।
मढ़फा तालाब पौराणिक आस्था और दिव्यता का संगम








सामतपुर मढ़फा तालाब परिसर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ छठी मैया के पूजन-आराधन की शुरुआत हुई। दीपों की कतारों से सजा तालाब परिसर भक्ति और शांति से सराबोर रहा। सुरक्षा, प्रकाश, स्वच्छता और पारण की व्यवस्थाएँ पूर्व से ही पूर्ण रखी गई थीं। मंगलवार प्रातः सूर्योदय के साथ व्रत का समापन अर्ध्य के माध्यम से होगा।
बिजुरी क्षेत्र सांस्कृतिक लोकधर्म की शानदार प्रस्तुति
बिजुरी के छठ घाटों पर श्रद्धालुओं ने पारंपरिक छठ गीतों के साथ सूर्य देव की आराधना की। परिवारों और बच्चों में विशेष उत्साह रहा। सूप, ईख, नारियल और ठेकुआ से सजी पूजा सामग्रियाँ लोकसंस्कृति और पारंपरिक समृद्धि का प्रतीक बनीं।
राजनगर सामूहिक सहभागिता का प्रेरक दृश्य
राजनगर में छठ पूजा के दौरान हर आयु वर्ग के श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखने योग्य रही। पूरा नगर “छठी मैया की जय” के जयघोषों से गूँज उठा, जिससे वातावरण में पवित्र ऊर्जा का संचार होता रहा।
कोतमा भक्ति, अनुशासन और सात्विक आस्था
कोतमा के छठ घाटों पर सावधानीपूर्वक की गई तैयारियों के बीच व्रती माताओं ने सूर्यास्त के समय अर्घ्य अर्पित किया। श्रमशील समाज की जीवन-आस्था का यह दृश्य लोगों के हृदय में गहरी छाप छोड़ गया।
चचाई सादगी और समर्पण से ओत-प्रोत पूजा
चचाई क्षेत्र के छठ स्थल पर श्रद्धालुओं ने पवित्रता के साथ परंपरागत विधि-विधान से पूजा सम्पन्न की। पूरे परिसर में भक्तों हेतु प्रकाश, सुरक्षा और मार्ग संचालन की उपयुक्त व्यवस्थाएँ की गईं।
छठ महापर्व — भारतीय संस्कृति का अनमोल उत्सव




















यह पर्व जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, पारिवारिक सौहार्द और सामाजिक एकता का संदेश देता है।
पूरे जिले में श्रद्धा और संस्कृति का यह उत्सव लगातार जारी है।
जिला प्रशासन एवं स्थानीय सामाजिक संगठनों ने श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्थाएँ की हैं, जिससे महापर्व का आयोजन शांति, श्रद्धा और आनंदपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हो रहा है।
अगले चरण में मंगलवार की प्रातःकालीन आराधना के समय व्रती माताओं द्वारा उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। पारण हेतु आवश्यक तैयारी सुनिश्चित कर ली गई है।
अनूपपुर जिले के प्रत्येक छठ घाट पर आस्था की जो अविरल धारा प्रवाहित हो रही है, उसने यह सिद्ध कर दिया कि छठ केवल पर्व नहीं
प्रकृति, परिवार और सनातन संस्कृति से आत्मिक जुड़ाव का शाश्वत उत्सव है।



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