
AICC मुख्यालय में राहुल गांधी की अध्यक्षता में हाई‑लेवल बैठक
दिल्ली स्थित नई AICC हेडक्वार्टर (इंदिरा भवन) में जिला कांग्रेस अध्यक्षों के तीन चरणों में संगठनात्मक बैठकें आयोजित की गईं। इनमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, और के.सी. वेणुगोपाल जैसे शीर्ष नेतृत्व मौजूद रहे, जहां जिला इकाइयों की पद‑प्रभावशीलता, बूथ‑स्तरीय संगठन, सोशल मीडिया स्ट्रेटेजी और वित्तीय जवाबदेही पर गहन चर्चा हुई .
इन बैठकों का उद्देश्य ‘डिस्ट्रीक्ट‑सेंट्रिक’ ढांचे का गठन एवं लोकसभा, विधानसभा चुनावों में तैयारी को मज़बूत बनाना है.
मध्य प्रदेश जुलाई के अंत तक चयन की प्रक्रिया
हाल में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, प्रदेश प्रभारी जीतू पटवारी एवं प्रभारी हरीश चौधरी की मौजूदगी में मध्य प्रदेश में जिला प्रधान नियुक्ति को लेकर रणनीति तय की जा रही है।
हरियाणा में इसी मॉडल के अनुरूप चयन की प्रक्रिया प्रदेश कार्यालय द्वारा चल रही है, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व ने कहा– “हर जिले में छह नामों की पैनल तैयार होगा अंततः उनमें से एक को जिला अध्यक्ष बनाया जाएगा, प्राथमिकता होगी 35–55 वर्ष, महिला और SC/ST प्रतिनिधित्व पर” .
MP के तमाम जिलों सहित अनूपपुर में भी पर्यवेक्षक (जैसे अशोक जगताप) दौरे कर चुके हैं, जिसमें कार्यकर्ता, ब्लॉक‑और सामाजिक संगठनों से बातचीत हुई; तीन दौरों के बाद स्थानीय स्तर से लगभग 6 नामों का शॉर्टलिस्ट पैनल बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है; जुलाई के अंत तक निर्णय हो सकता है
पैनलिंग प्रक्रिया पर्यवेक्षक अशोक जगताप ने 15 दिन तक अनूपपुर के ब्लॉक, पत्रकार, सिविल सोसाइटी व कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर डेटा लिया।
इस तीन‑चरणी जांच में 6 प्रमुख नामों का पैनल तैयार कर केंद्र को भेजा गया है; इसके बाद हाई‑कमान निर्णय लेगा .
चर्चित दावेदार आशीष त्रिपाठी – युवा संगठनक, ब्लॉक‑स्तर से मजबूत संपर्क रखते हैं; कार्यकर्ता इसे संतुलित विकल्प मान रहे हैं .
रमेश सिंह – मौजूदा जिला अध्यक्ष; वरिष्ठता व अनुभव के साथ पुनः नामित हो सकते हैं .
रामखेलावन राठौर, गुड्डू चौहान, मयंक त्रिपाठी (कार्यकारी अध्यक्ष जो हाल ही में भोपाल में जीतू पटवारी से मिले) पुष्पराजगढ़ से सन्तोष पाण्डेय और विविध युवा चेहरे भी चर्चा में हैं
इन सभी नामों में लगभग दर्जनभर कार्यकर्ता शॉर्टलिस्टिंग की दौड़ में हैं, इनमें अल्पसंख्यक, दलित और युवा वर्गों का प्रतिनिधित्व सुरक्षित किए जाने की कोशिश होती दिख रही है
पारदर्शिता AICC ने यह सुनिश्चित किया है कि चयन ‘मापदण्ड‑आधारित’ (बेहतरी, जवाबदेही, संगठन क्षमता) हो; केवल गुट‑राज नहीं चलेगा
लॉगिक पैनलिंग में स्थानीय समुदायों (युवा, महिला, SC/ST, अल्पसंख्यक) का संतुलन ज़रूरी माना गया है.
टाइम‑लाइन जून‑जुलाई तक शॉर्टलिस्ट विवरण भेजा गया, अंतिम घोषणा जुलाई के अंतिम सप्ताह में संभव है. अनूपपुर सहित सभी MP जिलों की घोषणा एक साथ भी की जा सकती है.



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