
“कागज़ और पैसे हज़म, कनेक्शन नदारद अनूपपुर में बिजली विभाग की मनमानी से उपभोक्ता बेहाल”
मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कोतमा वितरण केंद्र ने उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने की सारी हदें पार कर दी हैं। ग्राम लतार निवासी अमित तिवारी को नया बिजली कनेक्शन लेने के लिए महीनों से विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अमित ने कंपनी द्वारा मांगे गए तमाम दस्तावेज और शुल्क समय से जमा कर दिए, लेकिन कनेक्शन की बजाय उन्हें टाल-मटोल और अपमान ही मिला।
बिजली कंपनी के अधिकारियों का तर्क है कि अमित तिवारी के भाई के नाम पर पहले से एक कनेक्शन है, जबकि अमित का साफ कहना है कि उनका मकान और परिवार अलग है। बावजूद इसके कंपनी ने कागज़ात और रुपए लेने के बाद भी कनेक्शन देने से मना कर दिया और उपभोक्ता को बार-बार अपमानित किया।
थक-हारकर अमित ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई है और अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि “जब कनेक्शन देना ही नहीं था तो कंपनी ने दस्तावेज और पैसे क्यों लिए? यह तो उपभोक्ता के अधिकारों का सरासर हनन और खुलेआम लूट है।”
इस घटना ने साफ कर दिया है कि बिजली विभाग में उपभोक्ताओं के प्रति संवेदनशीलता नहीं, बल्कि उपेक्षा और मनमानी का माहौल है। ऐसे में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन को तुरंत दखल देना चाहिए, ताकि लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जिल्लत न झेलनी पड़े।
अनूपपुर के ग्रामीण इलाकों में बिजली विभाग का यह रवैया विकास की असलियत और व्यवस्था की संवेदनहीनता का कड़वा सच सामने लाता है। अमित तिवारी जैसे उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करना जरूरी है, वरना ऐसे अन्याय की कहानियाँ हर गांव में दोहराई जाती रहेंगी।
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