
बेटियाँ बनीं अनूपपुर की पहचान: लाड़ली लक्ष्मी उत्सव में उमड़ा जनसैलाब, हर तरफ बजी तालियाँ
02 मई 2025, अनूपपुर। तेज़ धूप और हल्की-हल्की हवा के बीच अनूपपुर का लाड़ली लक्ष्मी वाटिका परिसर आज एक जीवंत उत्सव स्थल में तब्दील हो गया। मंच पर रंग-बिरंगी सजावट, हर तरफ बिछी ग्रीन मैट, बालिकाओं की खिलखिलाहट और मंच से आती मधुर ध्वनि—पूरा वातावरण एक विशेष उल्लास का संदेश दे रहा था। देवी स्वरूपा कन्याओं के स्वागत के लिए मंच के एक कोने में फूलों की रंगोली और कलश सजाए गए थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में जैसे ही बेटियों का पूजन हुआ, मंच से मंत्रोच्चार गूंज उठा, जिसे सुनकर हर दर्शक के मन में श्रद्धा और गर्व की लहर दौड़ गई। तालियों की गड़गड़ाहट ने पूरे परिसर को गुंजायमान कर दिया। चारों तरफ चमचमाते परिधान में सजी बेटियाँ किसी उत्सव की रौनक नहीं बल्कि नारी शक्ति का जीवंत प्रतीक लग रही थीं।

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रीति सिंह के भाषण ने माहौल को और ऊर्जावान कर दिया। उनका स्वर सजीव और दृढ़ था—”बेटियाँ अब परंपराओं की सीमाओं में नहीं बंधेंगी। वे देश की प्रगति की धुरी बनेंगी। हमें बस उनका हाथ थामकर उन्हें उड़ान देनी है।”
यह सुनते ही वहाँ बैठी बालिकाओं की आंखों में सपनों की चमक और दृढ़ निश्चय झलक उठा। वहीं, आत्मा गर्वनिंग बोर्ड की सदस्य श्रीमती रश्मि खरे ने महिला सशक्तिकरण की मिसालें देते हुए बताया कि किस प्रकार मध्यप्रदेश सरकार ने बेटियों के लिए हर मोर्चे पर अवसर सृजित किए हैं। उनके भाषण के दौरान बीच-बीच में दर्शक दीर्घा से ‘जय लाड़ली’ के नारों की गूंज माहौल को ऊर्जा से भर रही थी।

मंच के पीछे लहराते बड़े-बड़े पोस्टर—जिन पर लाड़ली लक्ष्मी योजना के सफल चेहरों की तस्वीरें थीं। बच्चों के लिए लगाए गए विशेष कोने में झूले और खेल सामग्री ने उत्सव को मेले जैसा अहसास दिया। वॉलीबॉल और खो-खो के प्रदर्शन मैच भी हुए, जहाँ बेटियाँ अपनी ताकत और हुनर का शानदार प्रदर्शन कर रही थीं।
इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विनोद परस्ते ने जब आँकड़े साझा किए तो हर किसी के चेहरे पर गर्व था। “2025-26 में अब तक 136 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है और पिछली वर्ष में 2400 बेटियाँ इस योजना से सशक्त हुईं,” उन्होंने कहा।
कक्षा दसवीं की छात्रा पलक राठौर ने मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे यह योजना उनके लिए वरदान साबित हुई। मंच पर पलक की आवाज़ में आत्मविश्वास की गूंज थी, जिसे सुनकर वहाँ मौजूद माता-पिता भी भावुक हो उठे।

कक्षा दसवीं में 85% से अधिक अंक लाने वाली सुश्री नुसरत खान जब मंच पर सम्मान लेने पहुँचीं, तो पूरे परिसर में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी स्नेहा तिवारी और खो-खो की धाकड़ सुदीक्षा सोनी को मंच पर बुलाकर जब प्रशस्ति पत्र दिया गया, तब पूरा माहौल प्रेरणादायक बन गया।
कार्यक्रम के अंत में विशेष “सपनों की दीवार” लगाई गई, जहाँ हर बेटी ने अपने सपनों को रंग-बिरंगे कार्ड्स पर लिखकर टांगा। किसी ने डॉक्टर बनने की बात कही तो किसी ने साइंटिस्ट बनने का सपना साझा किया। यह दीवार कार्यक्रम का सबसे आकर्षक केंद्र बन गई, जिसे देखने लोग कतार में लग गए।

जैसे ही सूर्य की किरणें मद्धम होने लगीं, कार्यक्रम का समापन हुआ लेकिन वहाँ उपस्थित हर व्यक्ति के मन में बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की लौ जल उठी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रीति सिंह और अन्य अतिथियों ने बच्चों के साथ सेल्फी लेकर इस ऐतिहासिक पल को कैमरे में कैद किया।
लाड़ली लक्ष्मी उत्सव न केवल एक सरकारी आयोजन था बल्कि यह समाज को बेटियों की शक्ति का एहसास कराने वाला एक प्रेरक अवसर बन गया, जिसने यह संदेश दिया कि जब बेटियाँ मुस्कुराती हैं, तो देश प्रगति करता है।
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