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इजरायल ने कहा – यदि भारत को आवश्यकता हो, तो हम विशेषज्ञ टीम भेजने को तैयार हैं।

इजरायल ने कहा – यदि भारत को आवश्यकता हो, तो हम विशेषज्ञ टीम भेजने को तैयार हैं।

“पहलगाम नरसंहार 2025 जब धरती के स्वर्ग में इंसानियत लहूलुहान हुई”

23 अप्रैल 2025 को जब पूरा भारत गर्मी की छुट्टियों की शुरुआत में पर्यटन के लुत्फ में था, तभी कश्मीर की वादियों में पहलगाम जैसी स्वर्ग जैसी धरती पर आतंक का तांडव हुआ। 26 निर्दोष पर्यटक, जो सिर्फ सैर-सपाटे और प्राकृतिक सौंदर्य के आनंद हेतु पहुंचे थे, धर्म के नाम पर बर्बरता के शिकार बन गए। यह हमला केवल गोलियों का नहीं, बल्कि भारत की धार्मिक सहिष्णुता और एकता पर सीधा हमला था

पहलगाम हमला आंखों देखा सच चश्मींद के अनुसार

सुबा के करीब 9:15 बजे, चार बुलेटप्रूफ जैकेट पहने आतंकी पहलगाम के जंगलों से अचानक निकले। उनके निशाने पर थे टूरिस्ट वाहनों का काफिला और स्थानीय टैक्सी। उन्होंने सबसे पहले कुछ वाहनों को रोककर लोगों को बाहर निकाला और एक-एक कर “नाम और धर्म पूछा”। चश्मदीदों ने बताया कि अगर कोई हिंदू या ईसाई धर्म का था, उसे कलमा पढ़ने को कहा गया — और ना पढ़ पाने पर गोली मार दी गई।

“हमसे कहा गया – ‘हम तुम्हें नहीं मारेंगे, जाकर मोदी से कह देना कि कश्मीर किसका है’… फिर गोलियां चलीं और लोग गिरते चले गए।”

1. सुनील नाथेनियल (इंदौर, MP)

क्रिश्चियन धर्म बताया, आतंकियों ने उन्हें घुटनों पर बैठाया, कलमा पढ़ने का दबाव डाला, जब उन्होंने इनकार किया, गोलियां चला दी गईं। उनकी बेटी, नेहा नाथेनियल, को भी पैर में गोली लगी।

2. शुभम द्विवेदी (सरसौल, कानपुर)

फरवरी में शादी हुई, और पत्नी के साथ पहली बार कश्मीर घूमने आए थे। आतंकियों ने कार रोकी, धर्म पूछा और सिर में गोली मारी।

3. पुणे के व्यापारी – महेश लोंढे

परिवार सहित आए थे। सिर, कान और पीठ में गोलियों की बौछार से मारे गए। पत्नी और बेटा गंभीर रूप से घायल।

4. केरल के जोसेफ थॉमस

अपने तीन बच्चों के साथ पहुंचे थे। उन्होंने कलमा नहीं पढ़ा, आतंकियों ने सामने बच्चों के सामने उन्हें मार डाला।

5. सूरत की रजनी बेन पटेल और बेटी दिव्या पटेल

बेटी के साथ भागने की कोशिश की, मगर आतंकियों की गोलीबारी में दोनों घायल हुईं, बाद में इलाज के दौरान रजनीबेन की मौत।
घायलों की सूची (संक्षिप्त)

1. नेहा नाथेनियल (इंदौर)

2. दिव्या पटेल (सूरत)

3. समीरा खान (भोपाल)

4. विशाल पिल्लई (कोच्चि)

5. राहुल शर्मा (जयपुर)

6. अनामिका सेन (रायपुर)

7. अब्दुल राशिद (स्थानीय टैक्सी चालक)

8. नंदिनी बागड़े (नागपुर)

9. फातिमा सिद्दीकी (भोपाल)

10. रजत शाह (दिल्ली)

भारत सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़ दी और दिल्ली लौटते ही CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की आपात बैठक बुलाई।

गृहमंत्री अमित शाह तत्काल श्रीनगर पहुंचे और सेना को “ठोको मारो” की खुली छूट दी।

निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर सहित सभी प्रमुख मंत्री विदेश दौरों से लौट आए।

विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG), NSG कमांडो, और स्थानीय पुलिस ने घेराबंदी अभियान शुरू किया।

2 आतंकियों को उरी सेक्टर में मार गिराया गया।

48 घंटे का “क्लीनअप ऑपरेशन” पूरे इलाके में जारी।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी से बात करने का आश्वासन दिया।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने हमले की निंदा करते हुए कहा – “भारत अकेला नहीं है”

इजरायल ने कहा – “यदि भारत को आवश्यकता हो, तो हमारी विशेषज्ञ टीम भेजने को तैयार हैं।

पाकिस्तान को संदेश

NSA अजीत डोभाल ने साफ कहा – “अगर इस हमले में पाकिस्तान की मिलीभगत साबित हुई, तो अगली बार जवाब ‘बालाकोट’ से भी बड़ा होगा।”

LOK पर घुसपैठ की कोशिश में 2 आतंकी ढेर, उनके पास से IED और हथियार बरामद।

पाकिस्तान में ISI चीफ की उच्चस्तरीय बैठक, घबराहट में LOC पर अलर्ट।

देशभर में गुस्सा और शोक

दिल्ली, मुंबई, भोपाल, कोलकाता, बेंगलुरु में श्रद्धांजलि सभा।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड: #PahalgamMassacre #JusticeForTourists

कई राज्यों में कैंडल मार्च, स्कूलों में मौन प्रार्थना

राजनीतिक बयानबाजी

RSS: “भारत की एकता पर हमला, इसका जवाब निर्णायक होगा।”

कांग्रेस: “सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक पर सरकार को जवाब देना होगा।”

TMC और AAP: “आतंक का कोई धर्म नहीं, लेकिन जवाब कड़ा होना चाहिए।”

भारत, आतंकी फंडिंग पर रोक के लिए नया प्रस्ताव लाने की तैयारी में।
डिप्लोमैटिक आइसोलेशन

भारत, पाकिस्तान को वैश्विक मंचों से अलग-थलग करने की योजना में जुटा।

सेना के पास कई “Provisional Strike Plans” तैयार। जल्द निर्णय संभव।

पहलगाम का यह हमला सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि देश की आत्मा पर घात है। निर्दोष पर्यटक, जो इस धरती पर केवल शांति और प्राकृतिक आनंद के लिए आए थे, उन्हें धार्मिक पहचान के नाम पर मौत दी गई। यह भारत के लिए सहनशीलता और मजबूती की अग्निपरीक्षा है।

अब पूरा देश एक सुर में कह रहा है – “बख्शेंगे नहीं!”

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