
“पहलगाम हमले के बाद हड़बड़ाया पाकिस्तान, वायुसेना हाई अलर्ट पर – दोहराई जा सकती है बालाकोट जैसी कार्रवाई”
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में उबाल और पाकिस्तान में बेचैनी का माहौल है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को सतर्क कर दिया है, और सीमा क्षेत्रों में टोही विमान गश्त पर लगा दिए गए हैं। इस कदम को भारत की संभावित एयर स्ट्राइक की आशंका से जोड़कर देखा जा रहा है – ठीक उसी तरह जैसे 2019 में पुलवामा हमले के बाद बालाकोट पर कार्रवाई हुई थी।
डरे हुए हैं पाकिस्तान के रणनीतिकार
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके अब्दुल बासित ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर अपनी ही सरकार को चेताया। उन्होंने लिखा – “मुझे पूरा विश्वास है कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय दुस्साहस को नाकाम करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है। इस बार प्रतिक्रिया अत्यंत कठोर हो सकती है।”
विश्लेषकों का मानना है कि बासित की यह पोस्ट पाकिस्तान की घबराहट को दर्शाती है। इसी बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को सफाई देनी पड़ी कि “पाकिस्तान का पहलगाम हमले से कोई लेना-देना नहीं है, हम हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं।”
हमले की जड़ें पीओके में – रावलकोट बना साजिश का अड्डा
सूत्रों के अनुसार, इस आतंकवादी हमले की योजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में बनाई गई थी। इस साजिश में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन शामिल थे। सैफुल्ला खालिद कसूरी नामक आतंकी को इस हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसने हमास शैली की रणनीति अपनाते हुए यह हमले को अंजाम दिलाया।
धर्म आधारित घृणा का बयान – पाक सेना प्रमुख पर उठे सवाल
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का एक हालिया बयान इस हमले की पृष्ठभूमि में संदिग्ध रूप से जुड़ता नजर आता है। उन्होंने अपने भाषण में कहा था – “भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। हमारा धर्म, परंपराएं, रीति-रिवाज, सोच और महत्वाकांक्षाएं बिल्कुल अलग हैं।”
इस बयान को नफरत फैलाने वाला और आतंकी संगठनों को अप्रत्यक्ष समर्थन देने वाला माना जा रहा है, जिससे यह अंदेशा और मजबूत होता है कि हमले के पीछे सरकारी संरक्षण हो सकता है।
पाकिस्तान की नींद उड़ी, भारत की नजरें टिकीं – अगला कदम निर्णायक होगा
इस पूरे घटनाक्रम ने पाकिस्तान में रणनीतिक बेचैनी पैदा कर दी है। वायुसेना का अलर्ट मोड, सोशल मीडिया पर पूर्व राजनयिकों की चेतावनी और मंत्रियों की सफाई बयान कर रहे हैं कि इस बार पाकिस्तान मानसिक और सैन्य रूप से दवाब में है। भारत की संभावित कार्रवाई अब केवल समय का प्रश्न बन चुकी है – और वह कार्यवाही फिर एक बार इतिहास में दर्ज हो सकती है।



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