
“कोतमा पुलिस की साइबर टीम की कार्रवाई फर्जी केम्पा कोला एजेंसी के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपी बिहार से गिरफ्तार, 82 हजार की राशि और डिजिटल सबूत जब्त”
कोतमा पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। इंटरनेट पर केम्पा कोला कोल्डड्रिंक कंपनी की फर्जी एजेंसी दिलाने के नाम पर एक व्यापारी से हजारों रुपये की ठगी करने वाले शातिर गिरोह के दो सदस्यों को बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन एवं साइबर सेल के तकनीकी सहयोग से की गई। पुलिस ने आरोपियों के पास से डिजिटल उपकरण, बैंक दस्तावेज़ और ठगी की रकम भी बरामद की है।
आधुनिक तकनीक जहां एक ओर सुविधाएं देती है, वहीं दूसरी ओर ठगों के लिए नया माध्यम भी बन गई है। कोतमा के व्यापारी रूपेश जैन, उम्र 39 वर्ष, निवासी वार्ड नं. 2 बैरियर रोड, हाल ही में ऐसी ही साइबर ठगी का शिकार हो गए। उन्हें केम्पा कोला कोल्डड्रिंक कंपनी की एजेंसी लेनी थी, जिसके लिए उन्होंने गूगल पर सर्च किया। एक वेबसाइट पर उपलब्ध मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें ईमेल आईडी info@rilbusiness.com पर एक फॉर्म भेजने और एक अधिकारी के दौरे का आश्वासन मिला।
आश्वासन की झूठी चमक में विश्वास कर उन्होंने 82,010 रुपये “सिक्योरिटी मनी” के तौर पर एक भारतीय ओवरसीज बैंक, मुंबई के खाते में जमा कर दिए। लेकिन इसके बाद जब 5 लाख रुपये और मांगे गए और कोई अधिकारी स्थल निरीक्षण पर नहीं आया, तो उन्हें धोखाधड़ी का संदेह हुआ। बैंक में पूछताछ करने पर उन्होंने जाना कि उनकी भेजी गई राशि तुरंत ही अन्य खातों में ट्रांसफर कर ली गई और निकासी भी हो गई थी।
इस आधार पर कोतमा थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 319(2) और 318(4) बीएनएस के अंतर्गत अपराध क्रमांक 144/25 दर्ज किया गया।
गठित हुई विशेष पुलिस टीम
पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीओपी कोतमा के निर्देशन में थाना प्रभारी सुन्दरेश सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें सायबर सेल की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। तकनीकी जांच में आरोपी बिहार के नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत ग्राम ब्राहगवां से जुड़े पाए गए।
बिहार में दबिश और गिरफ्तारी
एक विशेष टीम को पटना भेजा गया जहां बैंक खाता धारक सोनू कुमार की पहचान हुई। पूछताछ में उसने बताया कि उसके नाम से खाता खुलवाकर पासबुक, एटीएम, चेक बुक आदि गांव के ही दो युवकों — सूरज कुमार (19 वर्ष) एवं रविरंजन कुमार यादव (21 वर्ष) — ने ले लिए थे।
पुलिस ने जब इन दोनों युवकों से सघन पूछताछ की तो उन्होंने कबूल किया कि चंदन कुमार यादव नामक व्यक्ति, जो उसी गांव का रहने वाला है, लोगों से ऑनलाइन फर्जीवाड़ा कर एजेंसी दिलाने के नाम पर ठगी करता है। यह गिरोह गांव के भोले-भाले लोगों से खाता खुलवाकर उनके बैंक दस्तावेज़ एकमुश्त राशि में खरीद लेता है, फिर उन्हीं खातों में ठगी की रकम डालकर तुरंत निकाल लेता है।
बरामद सामग्री
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पुलिस ने कुल 3 मोबाइल, 5 एटीएम कार्ड, 2 चेक बुक, एक बैंक पासबुक एवं ठगी की रकम 82,010 रुपये नगद बरामद किए हैं।
इनकी भूमिका रही अहम
इस समूचे ऑपरेशन में थाना प्रभारी सुन्दरेश सिंह के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक सुरेश अहिरवार, प्रधान आरक्षक संजीव त्रिपाठी, सपन नामदेव, आरक्षक संजय द्विवेदी, अभय त्रिपाठी, साइबर सेल प्रभारी राजेन्द्र अहिरवार, एवं आरक्षक पंकज की अहम भूमिका रही।
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