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अनूपपुर भालूमाड़ा में डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगी का नया जाल

अनूपपुर भालूमाड़ा में डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगी का नया जाल

 

साइबर ठगी का नया जाल रिटायर्ड कर्मचारियों के डेटा लीक का रहस्य
फर्ज़ी कॉल्स का बढ़ता खतरा
अनूपपुर जिले के कोतमा कॉलरी में रहने वाले 65 वर्षीय रामनाथ वर्मा (बदला हुआ नाम) को उस समय बड़ा झटका लगा जब एक अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आया। कॉल उठाते ही स्क्रीन पर एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में नजर आया। उसने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अधिकारी बताया और गंभीर आवाज़ में कहा
“आपके बैंक खाते में संदिग्ध लेन-देन हुआ है। अगर तुरंत सत्यापन नहीं करवाया, तो आपका खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई होगी।”
रामनाथ जी चौंक गए। वह एक ईमानदार सरकारी कर्मचारी रह चुके थे और अपने पैसों को लेकर हमेशा सतर्क रहते थे।
“लेकिन मैंने तो कोई गलत लेन-देन नहीं किया!” – उन्होंने कांपती आवाज़ में जवाब दिया।
“हमारे पास आपके बैंक खाते का पूरा रिकॉर्ड है। अभी आपका KYC वेरिफाई करना होगा। तुरंत कॉल पर बने रहें, नहीं तो आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा।”
सतर्कता ने बचाई लाखों की बचत
रामनाथ जी को थोड़ा संदेह हुआ। उन्होंने तुरंत अपने भतीजे को बुलाया, जो तकनीक में माहिर था। भतीजे ने बात को समझते ही तुरंत बैंक के मैनेजर से संपर्क किया और पूरी घटना बताई।
बैंक मैनेजर की सजगता देखते ही बनी
“आपका खाता अभी होल्ड कर रहे हैं, ताकि कोई भी लेन-देन न हो सके।”
महज पांच मिनट के भीतर रामनाथ जी का खाता सुरक्षित कर दिया गया। जब तक साइबर ठग दोबारा कॉल करते, तब तक बैंक ने सुरक्षा कदम उठा लिए थे। ठगों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने नंबर ब्लॉक कर दिया और चुपचाप गायब हो गए।
कैसे हो रहा है डेटा लीक?
रामनाथ जी जैसे हजारों रिटायर्ड कर्मचारियों को इस तरह की कॉल आ रही हैं। सवाल यह उठता है कि –
कैसे ठगों को सिर्फ उन लोगों की जानकारी मिल रही है, जिनके बैंक खातों में बड़ी रकम होती है?
क्या यह डेटा किसी सरकारी विभाग, पेंशन फंड, या बैंक से लीक हुआ है?
या कोई लोकल एजेंट इनकी जानकारी बेच रहा है?
सरकार को इस मामले में गंभीर जांच करानी चाहिए।
कैसे पहचानें फर्ज़ी कॉल?
अगर कोई खुद को पुलिस या ED अधिकारी बताकर बैंक डिटेल मांगे – सतर्क हो जाएं।
अगर WhatsApp वीडियो कॉल पर KYC अपडेट करने की बात हो – तुरंत मना करें
अगर कोई व्यक्ति डराने-धमकाने की कोशिश करे, तो तुरंत कॉल काट दें। क्षेत्र में गिरोह सक्रिय होने की आशंका
अपने बैंक मैनेजर से तुरंत संपर्क करें और पुलिस में शिकायत करें।
बैंकिंग फ्रॉड से बचने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए?
रिटायर्ड कर्मचारियों के डेटा लीक की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
बैंकों को ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम दिए जाएं।
बैंक खातों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए OTP आधारित ट्रांजैक्शन की नई रणनीति लागू की जाए।
अंत में – सतर्क रहें, ठगों से बचें!
कोई भी फोन कॉल जो आपको डराने की कोशिश करे, उस पर विश्वास न करें। जागरूक रहें, सतर्क रहें और अपने पैसों की सुरक्षा खुद करें।
“एक कॉल आपकी पूरी जिंदगीभर की पूंजी छीन सकता है, लेकिन सतर्कता आपको बचा सकती है!”

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Kailash Pandey
Anuppur
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