
ध्वनि प्रदूषण पर जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही अनूपपुर में देर रात डी.जे. बजाने पर एफ.आई.आर. और ज़ब्ती
अनूपपुर, बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों की पढ़ाई में बाधा न आए, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सख्त आदेश जारी किए गए थे। इसके बावजूद कुछ आयोजक नियमों का उल्लंघन कर देर रात तक ज़ोरदार आवाज़ में डी.जे. बजा रहे थे। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कोतवाली पुलिस ने एक डी.जे. साउंड सिस्टम को ज़ब्त कर लिया और संबंधित लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की है।
प्रशासन की सख्त निषेधाज्ञा और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री हर्षल पंचोली द्वारा 18 फरवरी 2025 को ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1985 के तहत आदेश जारी किए गए थे, जिसमें रात 10 बजे के बाद किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों जैसे लाउडस्पीकर, डी.जे. आदि के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके अलावा, किसी भी कार्यक्रम में ध्वनि सीमा के अनुरूप केवल दो साउंड सिस्टम की अनुमति दी गई थी।
इस आदेश के पालन को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधीक्षक श्री मोती उर रहमान के निर्देशन में तहसीलदार एवं कार्यपालक दंडाधिकारी श्री अनुपम पांडेय तथा टी.आई. अरविंद जैन द्वारा सभी मैरिज गार्डन संचालकों और साउंड सिस्टम प्रदाताओं की बैठक आयोजित कर उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए थे।
उल्लंघन करने पर कार्रवाई डी.जे. सिस्टम ज़ब्त, एफ.आई.आर. दर्ज
शनिवार देर रात 12:30 बजे पुलिस को सूचना मिली कि अनूपपुर के बस्ती रोड स्थित अनीता मंडपम मैरिज हॉल के पास एक बारात में तेज़ आवाज़ में डी.जे. बजाया जा रहा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा कि जयसिंहनगर, जिला शहडोल के सांई डी.जे. द्वारा लोडिंग पिकअप गाड़ी में अत्यधिक आवाज़ वाले पाँच बड़े साउंड बॉक्स, डी.जे. मिक्सर मशीन और एम्पलीफायर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
पुलिस टीम ने मौके पर ही पंचनामा तैयार कर पिकअप वाहन क्रमांक MP18GA5736 को ज़ब्त कर लिया। चालक सुधीर प्यासी और डी.जे. संचालक किशन सोनी को गिरफ्तार कर धारा 223 भारतीय दंड संहिता एवं 7/15 म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की गई।
ध्वनि प्रदूषण के घातक प्रभाव बढ़ते हृदय रोग और असमय मौतें
तेज़ आवाज़ में बजने वाले डी.जे. न केवल छात्रों के अध्ययन में बाधा डालते हैं बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 85 डेसिबल से अधिक ध्वनि लंबे समय तक सुनने पर हृदयाघात (हार्ट अटैक), उच्च रक्तचाप, तनाव और मानसिक विकार का कारण बन सकती है।
ध्वनि प्रदूषण से होने वाली प्रमुख समस्याएं
हृदयाघात का खतरा अत्यधिक ध्वनि के संपर्क में रहने से हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
नींद की कमी लगातार तेज़ आवाज़ से नींद प्रभावित होती है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है।
मस्तिष्क पर प्रभाव शोरगुल से मस्तिष्क में असंतुलन उत्पन्न होता है जिससे डिप्रेशन, चिंता और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
सुनने की क्षमता पर प्रभाव उच्च ध्वनि स्तर से स्थायी बहरापन हो सकता है।
पुलिस और प्रशासन की सख्त अपील
जिला प्रशासन ने एक बार फिर सभी आयोजकों, मैरिज गार्डन संचालकों और साउंड सर्विस प्रदाताओं से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निषेधाज्ञा का पालन करें।
यदि कोई भी तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करता पाया गया तो संबंधित व्यक्तियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।



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