
“11वीं की उत्तर पुस्तिकाएं धरती से गायब! भूगोल के छात्रों ने पूछा – ‘अंतरिक्ष में खोजें क्या?’”
शहडोल के एक सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा की भूगोल परीक्षा संपन्न होती है। परीक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल लेकर मूल्यांकन केंद्र की ओर निकलते हैं। रास्ते में थकान और भूख से मजबूर होकर वे एक ढाबे पर चाय-नाश्ते के लिए रुकते हैं। बंडल को पास ही एक चारपाई पर रखकर वे गरमा-गरम समोसे का आनंद लेने लगते हैं।
थोड़ी देर बाद जब वे उठते हैं, तो उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल वहाँ से गायब मिलता है! अफरा-तफरी मचती है, ढाबे के लोग अनजान बन जाते हैं, लेकिन तभी पास में कुछ अधखाई उत्तर पुस्तिकाएँ दिखती हैं। आसपास नजर दौड़ाने पर पता चलता है कि पास के खेत में एक गाय बड़े इत्मीनान से जुगाली कर रही है।
गाँव में चर्चा गर्म हो जाती है—क्या वाकई गाय ने भूगोल की कॉपियाँ खा लीं? शिक्षा विभाग जांच में जुटता है, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकलता। पुलिस भी मामले को रहस्यमय मानती है। ग्रामीणों का कहना है कि “भूगोल का यही हश्र हुआ, अब इतिहास का क्या होगा?”
छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का फरमान जारी कर दिया जाता है। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ जाती है—”गाय ने भूगोल खा लिया, अब इतिहास कौन लिखेगा?”
अंततः शिक्षा विभाग मामले को ‘प्राकृतिक दुर्घटना’ मानकर ठंडे बस्ते में डाल देता है, और छात्र फिर से भूगोल की यात्रा पर निकलते हैं!



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