
जन सुविधाओं को ध्यान में रखकर प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन पर मंथन
रीवा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में गठित मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की बैठक सेवानिवृत्त आईएएस मुकेश शुक्ला की अध्यक्षता में कमिश्नर कार्यालय में संपन्न हुई। इस बैठक में जन अपेक्षाओं के अनुरूप प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
प्रशासनिक पुनर्गठन के लिए मापदंड तय
आयोग के सदस्य श्री शुक्ला ने बताया कि संभाग, जिला, तहसील, राजस्व सर्किल और विकासखंड प्रशासनिक ढांचे का अभिन्न अंग हैं। प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने, नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने और भौगोलिक चुनौतियों को कम करने के उद्देश्य से पुनर्गठन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए कुछ मुख्य मापदंड तय किए गए हैं, जिनमें आधारभूत संरचना, आर्थिक संभावनाएं, क्षेत्रफल, प्राकृतिक सीमाएं, प्रशासनिक दक्षता, सामाजिक संतुलन, जनसुविधा, सेवा वितरण प्रणाली, और कानून-व्यवस्था को शामिल किया गया है।
प्रत्येक जिले को इस संबंध में प्रश्नावली भेजी गई है, और कलेक्टरों को अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समुचित और तर्कसंगत सुझाव संकलित कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन से दूर होंगी समस्याएं
आयोग के सदस्य श्री शुक्ला ने यह भी बताया कि राजस्व, पुलिस और अन्य विभागों की प्रशासनिक सीमाएं भिन्न होने के कारण कई व्यावहारिक कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रशासनिक इकाइयों का तार्किक पुनर्गठन आवश्यक है। कई तहसीलें और विकासखंड मुख्यालय अपने जिलों से काफी दूर हैं, जबकि उनके पास ही कोई अन्य जिला मुख्यालय स्थित है जहां आवागमन अधिक सुविधाजनक है।
कलेक्टरों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश
प्रशासनिक पुनर्गठन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे विकासखंड स्तर तक के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आम जनता से सुझाव प्राप्त कर अपने प्रस्ताव तैयार करें। इसके अतिरिक्त, विभागीय ढांचे में आवश्यक सुधार के सुझाव भी इसमें शामिल किए जाएं।
जनभागीदारी के लिए ऑनलाइन पोर्टल होगा लॉन्च
आयोग शीघ्र ही आम जनता के सुझाव प्राप्त करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करेगा। इसके माध्यम से नागरिक प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन को लेकर अपने सुझाव साझा कर सकेंगे। कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे आम जनता और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को निर्धारित मानकों के अनुसार परखें और उपयोगी सुझावों को अपने प्रस्ताव में सम्मिलित करें।
वरिष्ठ अधिकारियों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक में आयोग के सचिव अक्षय सिंह ने प्रशासनिक पुनर्गठन की प्रक्रिया और प्रावधानों पर विस्तृत जानकारी दी।
कमिश्नर बीएस जामोद ने प्रशासनिक व्यवस्था को सरल और प्रभावी बनाने के लिए इकाइयों के पुनर्गठन की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि तहसील, अनुभाग और विकासखंड स्तर पर प्रशासनिक सीमाओं का पुनर्गठन जरूरी है।
आईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय ने नवगठित मैहर और मऊगंज जिलों का जिक्र करते हुए बताया कि इन जिलों में राजस्व अनुभागों के अनुरूप पुलिस अनुभागों का गठन भी आवश्यक है। इससे कानून-व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करने में मदद मिलेगी।
कलेक्टर रीवा श्रीमती प्रतिभा पाल ने बताया कि रीवा जिले में तहसील और विकासखंडों की सीमाएं आपस में ओवरलैप करती हैं। इसके कारण विभिन्न विभागों के प्रशासनिक कार्यों में जटिलता उत्पन्न होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी विभागों के प्रशासनिक पुनर्गठन में विकासखंड को आधार इकाई के रूप में अपनाया जाए।
कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव ने नवगठित जिलों में आधारभूत संरचना के विकास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
बैठक में पुलिस अधीक्षक रीवा विवेक सिंह, पुलिस अधीक्षक मऊगंज श्रीमती रसना ठाकुर, संयुक्त संचालक योजना अनिल दुबे, संयुक्त आयुक्त दिव्या त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।



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