


फोर्ब्स ने वर्ष 2025 के लिए दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची जारी की है, जिसमें भारत को शामिल नहीं किया गया है। इस निर्णय ने वैश्विक मंच पर कई चर्चाओं को जन्म दिया है, विशेषकर भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति वाले देश के बाहर होने पर।
फोर्ब्स की रैंकिंग का फॉर्मूला और मापदंड
फोर्ब्स विभिन्न सूचियों की रैंकिंग के लिए चार प्रमुख मापदंडों का उपयोग करता है
1. धन (Money) देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और आर्थिक शक्ति।
2. मीडिया उपस्थिति (Media Presence)अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में देश की उपस्थिति और प्रभाव।
3. प्रभाव (Influence) वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, और सांस्कृतिक मामलों में देश की भूमिका।
4. प्रभाव क्षेत्र (Sphere of Influence)देश का भौगोलिक और रणनीतिक प्रभाव क्षेत्र।
राजनीतिक नेताओं की रैंकिंग के लिए, फोर्ब्स GDP और जनसंख्या जैसे मापदंडों का उपयोग करता है, जबकि कॉर्पोरेट प्रमुखों के लिए राजस्व, मूल्यांकन, और कर्मचारियों की संख्या जैसे कारकों को ध्यान में रखता है।
2025 के शीर्ष 10 शक्तिशाली देश
फोर्ब्स द्वारा जारी की गई 2025 की सूची में देश शामिल हैं
1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) GDP $30.34 ट्रिलियन, जनसंख्या 34.5 करोड़, महाद्वीप उत्तरी अमेरिका।
2. चीन GDP $19.53 ट्रिलियन, जनसंख्या 141.9 करोड़, महाद्वीप एशिया।
3. रूस GDP $2.2 ट्रिलियन, जनसंख्या 14.4 करोड़, महाद्वीप यूरोप।
4. यूनाइटेड किंगडम (UK) GDP $3.73 ट्रिलियन, जनसंख्या 6.91 करोड़, महाद्वीप यूरोप।
5. जर्मनी GDP $4.92 ट्रिलियन, जनसंख्या 8.45 करोड़, महाद्वीप यूरोप।
6. दक्षिण कोरिया GDP: $1.95 ट्रिलियन, जनसंख्या 5.17 करोड़, महाद्वीप एशिया।
7. फ्रांस GDP $3.28 ट्रिलियन, जनसंख्या 6.65 करोड़, महाद्वीप यूरोप।
8. जापान GDP $4.39 ट्रिलियन, जनसंख्या 12.37 करोड़, महाद्वीप एशिया।
9. सऊदी अरब GDP $1.14 ट्रिलियन, जनसंख्या 3.39 करोड़, महाद्वीप एशिया।
10. इज़राइल GDP $0.55 ट्रिलियन, जनसंख्या 0.93 करोड़, महाद्वीप एशिया।
फोर्ब्स एक परिचय
फोर्ब्स एक अमेरिकी बिजनेस मैगजीन है, जो मुख्यत व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, संचार, विज्ञान, राजनीति, और कानून से संबंधित लेख प्रकाशित करती है। यह एक निजी स्वामित्व वाली संस्था है फोर्ब्स की स्थापना 1917 में हुई थी और इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में स्थित है।
भारत का बाहर होना संभावित कारण
भारत का इस सूची से बाहर होना कई सवाल खड़े करता है। हालांकि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसकी सेना विश्व में चौथे स्थान पर है, फिर भी इसे टॉप 10 से बाहर रखा गया है। संभवत फोर्ब्स के मापदंडों में अन्य कारकों, जैसे कि प्रति व्यक्ति GDP, मानव विकास सूचकांक, या वैश्विक प्रभाव के अन्य पहलुओं को अधिक महत्व दिया गया हो। इसके अतिरिक्त, भारत की जनसंख्या के बावजूद, आर्थिक असमानता और बुनियादी ढांचे की चुनौतियाँ भी इस निर्णय में भूमिका निभा सकती हैं।
फोर्ब्स की यह रैंकिंग विभिन्न मापदंडों पर आधारित होती है, जो समय-समय पर बदलते रहते हैं। भारत का इस सूची से बाहर होना एक संकेत है कि देश को अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह आवश्यक है कि भारत अपनी आर्थिक, सैन्य, शक्ति को और मजबूत करे ।
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