


प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या की रात लगभग 1:30 बजे एक घाट पर भगदड़ मचने से कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने साज़िश की संभावना को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू कर दी है।
STF की टीमें संगम नोज़ के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों के डेटा का विश्लेषण कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, लगभग 16,000 से अधिक मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है, जिनमें से कई नंबर घटना के बाद से बंद हैं। इसके साथ ही, कमांड एंड कंट्रोल रूम के सीसीटीवी फुटेज का फेस रिकग्निशन ऐप के माध्यम से विश्लेषण किया जा रहा है ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा सके।
वसंत पंचमी के स्नान के मद्देनज़र, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी महाकुंभ और प्रयागराज में फील्ड पर सक्रिय रहेंगे। STF की जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कहीं यह भगदड़ किसी साज़िश का परिणाम तो नहीं थी।
इस घटना के बाद से महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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