





मध्य प्रदेश की पवित्र नगरी अमरकंटक में इस वर्ष 3 से 5 फरवरी 2025 तक नर्मदा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह न केवल श्रद्धा और भक्ति का संगम होगा, बल्कि लोककला, पारंपरिक उत्पादों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत मिश्रण भी प्रस्तुत करेगा ।
इस वर्ष अमरकंटक का नर्मदा महोत्सव एक नए स्वरूप में दिखाई देगा। विशाल टेंट सिटी, भव्य पंडाल, जीवंत वॉल पेंटिंग, रंग-बिरंगे मंडप, और सुसज्जित मेला स्थल इसे एक अद्वितीय अनुभव बना रहे हैं। देशभर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ-साथ लोक कलाकार, हस्तशिल्पी, योग साधक और अध्यात्म प्रेमी भी यहां जुटेंगे।
इस बार के आयोजन में 14 जिलों के उत्पादों के 21 विशेष स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र होंगे। इन स्टालों के माध्यम से लोग लोककला और शिल्पकला की विविधताओं से रूबरू होंगे। वहीं, संगीत प्रेमियों के लिए बाबा हंसराज जैसे प्रसिद्ध भजन गायक की उपस्थिति एक बड़ी सौगात होगी, जिन्हें सुनने के लिए देशभर से लोग उमड़ेंगे।
भव्य तैयारियाँ टेंट सिटी, रंगीन पंडाल और सजीव दीवारें
अमरकंटक का यह महोत्सव इस बार अपने नए रूप और स्वरूप में दिख रहा है। शहर की सड़कों से लेकर मंदिर परिसर तक, रामघाट से लेकर जंगलों के किनारों तक, हर ओर इस पर्व की छटा बिखरी हुई है।
1. टेंट सिटी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था




इस बार आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के ठहरने के लिए विशाल टेंट सिटी का निर्माण किया गया है। यह टेंट सिटी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी, जिसमें ध्यान केंद्र, विश्राम गृह, भोजनालय, और विशेष वीआईपी कैम्प बनाए गए हैं।
2. भव्य पंडाल और मंच
इस बार के नर्मदा महोत्सव के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया भव्य मंच आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। यह मंच न केवल सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए तैयार किया गया है, बल्कि इसे धार्मिक और आध्यात्मिक संदेशों को प्रदर्शित करने के लिए भी सजाया गया है।
3. वॉल पेंटिंग और जीवंत सजावट
इस बार अमरकंटक शहर और मेले के स्थल को खास वॉल पेंटिंग्स से सजाया गया है। ये पेंटिंग्स नर्मदा मैया की महिमा, शिव-पार्वती के प्रसंग, आदिवासी संस्कृति, और पौराणिक कथाओं को चित्रित करती हैं।
यह कला प्रदर्शन स्थानीय कलाकारों और देशभर से आए चित्रकारों द्वारा किया गया है, जिससे अमरकंटक को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में उभारा जा रहा है।
लोककला और उत्पादों के अनूठे स्टॉल्स संस्कृति की झलक
नर्मदा महोत्सव में 14 जिलों से आए 21 स्टॉल्स श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेंगे। इन स्टालों में विभिन्न हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुएं उपलब्ध होंगी, जो मध्य प्रदेश की लोककला और परंपराओं को दर्शाएंगी।






लोककला और शिल्प उत्पाद
भोपाल आर्टिफिशियल ज्वेलरी और जूट बैग
कटनी संगमरमर से बनी कलाकृतियाँ
अनूपपुर महुआ के लड्डू और कोदो कुकीज
मंडला और डिंडौरी बैगा और गोंडी पेंटिंग
सीधी और सिंगरौली लौह शिल्प और लकड़ी की नक्काशी
कश्मीर से विशेष शॉल और सूट
ये स्टॉल्स न केवल व्यापार को बढ़ावा देंगे बल्कि लोगों को इन जिलों की संस्कृति और परंपरा की झलक भी प्रदान करेंगे।
बाबा हंसराज के भजन श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण
इस साल के नर्मदा महोत्सव में भक्ति संगीत की विशेष धारा बहेगी। बाबा हंसराज के भजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है।
बाबा हंसराज अपनी संपूर्ण आस्था, संगीत और आध्यात्मिकता से सजीव भजन संध्या प्रस्तुत करेंगे। उनके द्वारा गाए जाने वाले कुछ प्रमुख भजन इस प्रकार होंगे
“नर्मदा मैया की आरती”
“भोलेनाथ का दरबार”
“राम-नाम का अमृत पी लो”
इस भजन संध्या में श्रद्धालु रात्रि 8 बजे से मध्यरात्रि तक भक्ति में सराबोर रहेंगे।
राम लाल रौतेल कोल विकास प्राधिकरण कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त और कमिश्नर ने तैयारियों का जायजा लिया


नर्मदा महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए शहडोल संभाग की कमिश्नर श्रीमती सुरभि गुप्ता ने स्थल का निरीक्षण किया। उनके साथ कलेक्टर हर्षल पंचोली, जिला पंचायत सीईओ तन्मय वशिष्ठ शर्मा, एसडीएम पुष्पराजगढ़ महिपाल सिंह गुर्जर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
उन्होंने रामघाट, माँ नर्मदा मंदिर परिसर, मेला ग्राउंड, मुख्य सड़कों और टेंट सिटी का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
एक भव्य आयोजन की ओर
अमरकंटक में आयोजित नर्मदा महोत्सव 2025 एक अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संगम बनने जा रहा है। यहाँ भक्ति, आस्था, कला, शिल्प और संगीत का अद्वितीय मिश्रण देखने को मिलेगा।
श्रद्धालु माँ नर्मदा की आरती में डूबेंगे, पर्यटक लोककला और हस्तशिल्प का आनंद लेंगे, और संगीत प्रेमी बाबा हंसराज के भजनों में मग्न होंगे।
यह महोत्सव न केवल अमरकंटक के सांस्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करेगा, बल्कि पूरे देश से आए पर्यटकों को भी इस अद्भुत तीर्थ स्थल की महिमा से परिचित कराएगा।
अमरकंटक, नर्मदा मैया की पवित्र भूमि, एक बार फिर भक्ति और संस्कृति की धारा में बहने को तैयार है!



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