



अमरकंटक, जिसे “तीर्थराज” कहा जाता है, न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि अपनी अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक समृद्धि के कारण भी प्रसिद्ध है। यहां की सुरम्य वादियां, हरी-भरी पहाड़ियां और पवित्र नर्मदा नदी का उद्गम इसे विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की असीम संभावनाएं प्रदान करता है। जिला प्रशासन, विशेष रूप से कलेक्टर हर्षल पंचोली के प्रयासों से “नर्मदा महोत्सव” को एक नए स्वरूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे अमरकंटक और आसपास के जिलों के लोगों को न केवल रोजगार और आर्थिक समृद्धि मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र वैश्विक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र भी बन सकेगा।



अमरकंटक की विशेषता और पर्यटन की संभावनाएं
अमरकंटक अपनी आध्यात्मिक और प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। यहां के घने जंगल, शांत नर्मदा घाटी, प्राचीन मंदिर और जलप्रपात इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाते हैं। यदि इसे सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह स्थान दुनिया के प्रमुख आध्यात्मिक और इको-टूरिज्म केंद्रों में अपनी जगह बना सकता है।
(i) आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन
नर्मदा उद्गम स्थल, जिसे मां नर्मदा का जन्मस्थान माना जाता है, श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
प्राचीन काल में ऋषियों और संतों की तपस्थली रही यह भूमि अध्यात्म और योग साधना के लिए आदर्श स्थान हो सकती है।
प्रसिद्ध कालचुरीकालीन मंदिर, जो स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाना चाहिए।
(ii) प्राकृतिक सौंदर्य और इको-टूरिज्म
कपिलधारा और दुधी जलप्रपात, जो अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं, को साहसिक पर्यटन (एडवेंचर टूरिज्म) से जोड़ा जा सकता है।
अमरकंटक का घना वन क्षेत्र, जहां दुर्लभ वनस्पतियां और वन्यजीव पाए जाते हैं, इसे बायोडायवर्सिटी हब के रूप में विकसित करने की क्षमता रखता है।
अमरकंटक हर्बल टूरिज्म – यहां की जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों को वैश्विक पहचान दिलाई जा सकती है।
(iii) सांस्कृतिक और लोक कला पर्यटन
स्थानीय आदिवासी समुदायों की संस्कृति, नृत्य, लोकगीत और हस्तशिल्प को बढ़ावा देकर इसे सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
बैगा और गोंड जनजातियों की पारंपरिक कलाओं, हस्तशिल्प और संगीत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए विशेष प्रयास होने चाहिए।
नर्मदा महोत्सव आधुनिक पर्यटन की ओर बढ़ता कदम

(i) जिला प्रशासन का प्रयास और योजनाएं
कलेक्टर हर्षल पंचोली और जिला प्रशासन अमरकंटक को आधुनिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कई कदम उठा रहे हैं।
नर्मदा महोत्सव को न केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित रखा जाएगा, बल्कि इसे सांस्कृतिक, साहसिक, और इको-टूरिज्म का मंच बनाया जाएगा।
डिजिटल प्रचार-प्रसार, सोशल मीडिया कैंपेन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग की योजना बनाई जा रही है।
होटल, रिसॉर्ट्स, होमस्टे और एडवेंचर टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां तैयार की जा रही हैं।
(ii) स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और अवसर
अमरकंटक और आसपास के जिलों के लोगों को पुरानी परंपराओं से आगे बढ़कर आधुनिक पर्यटन आवश्यकताओं के अनुसार व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
स्थानीय युवाओं को गाइड, होटल प्रबंधन, ट्रेकिंग, और हैंडीक्राफ्ट बिजनेस में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
पारंपरिक व्यंजन, आयुर्वेदिक औषधियां और स्थानीय कला को व्यापार का हिस्सा बनाया जा जायेगा ।
अमरकंटक के लोगों की भूमिका और ईमानदारी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन की सफलता केवल प्रशासनिक प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी और सहयोग भी आवश्यक है।
आतिथ्य सत्कार और व्यवहार पर्यटकों को आकर्षित करने और उनकी अच्छी छवि बनाने के लिए स्थानीय लोगों का मित्रवत व्यवहार, ईमानदारी और आत्मीयता आवश्यक होगी।
साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण स्वच्छता और हरियाली बनाए रखने के लिए सामूहिक जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और पारंपरिक वस्त्रों को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
अमरकंटक को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए आवश्यक कदम
संरचना विकास आधुनिक सड़कों, होटलों, और यातायात सुविधाओं का विकास किया जाए।
स्मार्ट टूरिज्म टेक्नोलॉजी ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम, पर्यटन गाइड ऐप और डिजिटल इंटरैक्टिव मैप्स का निर्माण किया जाए।
अंतरराष्ट्रीय प्रचार विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अमरकंटक का प्रचार-प्रसार कराना लाजमी होगा। उज्ज्वल भविष्य की ओर
अमरकंटक न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि इसमें विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनने की अपार संभावनाएं हैं। जिला प्रशासन और कलेक्टर हर्षल पंचोली के प्रयासों से यदि इसे योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जाए तो यह न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि भारत का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है।
स्थानीय लोगों की ईमानदारी, आत्मीयता और सहयोग इस विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यदि सब मिलकर इसे आधुनिक तरीके से पर्यटन का केंद्र बना दें, तो यह न केवल आर्थिक समृद्धि लाएगा, बल्कि अमरकंटक की ख्याति दुनिया भर में फैला देगा।
अमरकंटक—एक आध्यात्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर, जो भविष्य में वैश्विक पर्यटन का एक नया आयाम बनेगा!




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