अखाड़ों का ऐतिहासिक फैसला, भारी भीड़ के कारण अमृत स्नान टाला,
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर आज दूसरा अमृत स्नान हो रहा है। इस बीच, रात 1 बजे मची भगदड़ के बाद अखाड़ों ने बड़ा फैसला लेते हुए अमृत स्नान रद्द कर दिया। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि अखाड़ों के लिए आरक्षित रास्तों को आम जनता के लिए खोल दिया गया। इससे भगदड़ मचने के बाद सुबह हालात सामान्य नजर आए।
कैलाशानंद गिरि जी ने बताया कि संतों का जीवन मानव मात्र के लिए है। संत हमेशा दूसरों के लिए काम करता है। इसलिए हालात को देखते हुए हमने तय किया कि हम आज का अमृत स्नान नहीं करेंगे। हम वसंत पंचमी का अमृत स्थान धूमधाम से करेंगे। भगदड़ का शिकार लोगों का कहना है कि वे रात करीब 1 बजे घाट के करीब बैठे थे, तभी पुलिस और प्रशासन के लोग आए और जल्दी उठो – जल्दी उठो कहने लगे। लोगों ने कहा कि उन्हें अभी स्नान करना है, तो भी कहा कि जल्दी करो। इसी चक्कर में भगदड़ मच गई
शुरू में लोगों को सुविधाएं नहीं मिली। बाद में एंबुलेंस आई और लोगों को अस्पताल पहुंचाया। अभी प्रशासन ने यह नहीं बताया है कि भगदड़ में कितने लोग हताहत या घायल हुए हैं। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी ने योग गुरु बाबा रामदेव और अन्य साधु संतों के साथ प्रतीकात्मक स्नान किया। इस दौरान हेमा मालिनी भी मौजूद रहीं। सभी ने लोगों से अपील की कि वे संगम पर स्नान का मोह छोड़ें और जहां हैं, वहीं गंगा स्नान कर लें।
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