

मध्यप्रदेश को वैश्विक औद्योगिक केंद्र बनाने की ओर बड़ा कदम रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में निवेशकों ने दिए हजारों करोड़ के प्रस्ताव
शहडोल कोयला, ऊर्जा और इस्पात के क्षेत्र में आर्थिक विकास का नया अध्याय
मध्यप्रदेश के शहडोल संभाग में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने प्रदेश को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर एक मजबूत स्थान दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व और उनकी औद्योगिक संवर्धन नीति की वजह से यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया। इस कॉन्क्लेव में 40 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों ने भाग लिया और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए। ये प्रस्ताव न केवल औद्योगिक विकास को गति देंगे, बल्कि रोजगार, अधोसंरचना और ऊर्जा के क्षेत्र में भी प्रदेश को सशक्त बनाएंगे।
मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर कहा, “मध्यप्रदेश आज देश का ऐसा राज्य बन चुका है, जहां निवेशकों के लिए आदर्श वातावरण उपलब्ध है। हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में पारदर्शिता, सरल प्रक्रियाएं और निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियां लागू की हैं। यह रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव न केवल शहडोल संभाग बल्कि पूरे प्रदेश में औद्योगिक क्रांति का आधार बनेगा।”
उद्योगपतियों ने जताया भरोसा
टोरेन्ट पॉवर लिमिटेड के वाइस प्रेसीडेंट नवीन कुमार सिंह ने प्रदेश की नीतियों की सराहना करते हुए कहा, “यहां निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। हमारी कंपनी शहडोल में आधुनिक तकनीक आधारित थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने जा रही है। इससे 1,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही, हम नवकरणीय ऊर्जा में भी निवेश करेंगे, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।”
उद्योगपति हर्ष त्रिवेदी ने अपनी यात्रा साझा करते हुए बताया, “हमने 50 करोड़ रुपये से निवेश की शुरुआत की थी और इसे बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये तक पहुंचाया। अब हम 500 करोड़ रुपये का नया निवेश करेंगे। प्रदेश में सड़कों, रेल मार्गों और अधोसंरचना का विस्तार उद्योगों को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। यहां प्रशिक्षित श्रमिक और तकनीशियन बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं, जो उद्योगों के लिए एक अनमोल संपत्ति हैं।”
शहडोल ऊर्जा और इस्पात का नया केंद्र
रिलायंस एनर्जी के रवि कुमार ने कहा, “मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन का यह कदम साहसिक और प्रेरणादायक है। रिलायंस ने 20 साल पहले इस क्षेत्र में प्राकृतिक गैस आधारित उद्योग स्थापित किया था। हमने 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करके शहडोल से उत्तर प्रदेश के फूलपुर तक 250 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाई है। यह क्षेत्र गैस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अनुकूल है।”
कमलकिशोर शारदा ने बताया कि उनकी कंपनी कोयले पर आधारित इस्पात संयंत्र लगाने के साथ ही नवकरणीय ऊर्जा और थर्मल पावर में भी निवेश करेगी। इसके अलावा, क्षेत्र के किसानों को हाइब्रिड बीज उत्पादन का प्रशिक्षण देकर कृषि को बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।
नरेंद्र गोयल, जिन्होंने 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है, ने कहा, “हम शहडोल क्षेत्र में कोयले का उत्खनन करके सरिया निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। इससे रोजगार के साथ ही क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।”
संपूर्ण विकास की ओर कदम
इस कॉन्क्लेव में उद्योग जगत के दिग्गजों ने शहडोल को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में बड़े और ठोस कदम उठाने की घोषणा की। उन्होंने प्रदेश की निवेश नीति को निवेशकों के अनुकूल बताते हुए कहा कि यहां प्रक्रियाएं समय पर पूरी होती हैं। मध्यप्रदेश में बिजली और पानी की पर्याप्त उपलब्धता, उत्कृष्ट अधोसंरचना और कुशल श्रमिक शक्ति उद्योगों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान कर रही है।
नवकरणीय ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता
नवकरणीय ऊर्जा में निवेश के प्रति उद्योगपतियों का रुझान कॉन्क्लेव की प्रमुख विशेषता रही। टोरेन्ट पॉवर लिमिटेड और कमलकिशोर शारदा जैसे उद्योगपतियों ने थर्मल और सोलर एनर्जी के प्रोजेक्ट्स पर जोर दिया। इससे न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय समुदाय को लाभ
कई उद्योगपतियों ने घोषणा की कि वे स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और सामाजिक विकास परियोजनाओं को लागू करेंगे। कमलकिशोर शारदा ने कहा, “हम न केवल उद्योग स्थापित करेंगे, बल्कि क्षेत्र के किसानों और युवाओं को कौशल विकास के अवसर भी प्रदान करेंगे।”
शहडोल औद्योगिक और आर्थिक उन्नति का प्रतीक
इस कॉन्क्लेव ने शहडोल को एक ऐसे औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने का मौका दिया है, जो कोयला, इस्पात और ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छुएगा। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर औद्योगिक निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थान है।
भविष्य की संभावनाएं
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के इस सफल आयोजन से यह स्पष्ट हो गया है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए अपार संभावनाएं हैं। उद्योगपतियों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं और भारी निवेश के प्रस्तावों से न केवल शहडोल संभाग बल्कि पूरे प्रदेश में समृद्धि और विकास के नए द्वार खुलेंगे।
यह कॉन्क्लेव प्रदेश को एक नए औद्योगिक युग की ओर ले जाने वाला ऐतिहासिक कदम साबित होगा, जहां निवेश, रोजगार और आर्थिक उन्नति एक साथ फलेंगे-फूलेंगे।



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