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अनूपपुर शिक्षा विभाग में घूसखोरी और मनमानी का खेल, हेडमास्टर पर 14 हजार रिश्वत लेने का आरोप

अनूपपुर शिक्षा विभाग में घूसखोरी और मनमानी का खेल, हेडमास्टर पर 14 हजार रिश्वत लेने का आरोप



अनूपपुर। जिले के ग्राम पंचायत बेलियाबाड़ी के गवर्नमेंट हाई स्कूल के हेडमास्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं।  सोशल मीडिया के अनुशार एक वायरल वीडियो में उन्होंने अतिथि शिक्षक नियुक्ति के नाम पर एक युवक से 14 हजार रुपए लेने की बात स्वीकार की है। नियुक्ति न होने पर उन्होंने 15 हजार रुपए लौटाने की पेशकश की है। यह घटना शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और ईमानदारी पर सवाल खड़े करती है।
शिक्षा के मंदिर को कलंकित करता भ्रष्टाचार
हेडमास्टर जैसे पद पर आसीन व्यक्ति का यह कृत्य शिक्षा के मूल्यों को शर्मसार करता है। छात्रों को नैतिकता सिखाने वाले हेडमास्टर पर ही रिश्वतखोरी का आरोप लगना शिक्षा व्यवस्था की साख पर गहरी चोट है। ऐसे कृत्य न केवल योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन करते हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली को भी अविश्वसनीय बनाते हैं।
जमुना कॉलरी संकुल में भी मनमानी का आरोप
इस घटना के बाद जमुना कॉलरी संकुल में भी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मनमानी की शिकायतें सामने आई हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले तीन वर्षों में पात्र उम्मीदवारों को दरकिनार कर अपात्र लोगों को नियुक्ति दी गई। ग्रामीणों ने सहायक आयुक्त से जमुना कॉलरी संकुल में अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच की मांग की है।
ग्रामीणों में आक्रोश, जांच और कार्रवाई की मांग
इस मामले ने क्षेत्र में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों ने हेडमास्टर को तुरंत बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, विभागीय अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की मांग की गई है। उनका कहना है कि यह घटना घूसखोरी की समस्या को उजागर करती है और शिक्षा विभाग में पारदर्शिता की कमी को दिखाती है।
शिक्षा विभाग की साख पर सवाल
यह मामला केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग की पूरी प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। भ्रष्टाचार के इस खेल में अधिकारियों की मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यदि इस पर तुरंत और सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भ्रष्टाचार और गहराएगा।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। हेडमास्टर के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

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