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आज रात सूची जारी  नहीं होती तो  पर्यवेक्षक जिलों में करेंगे घोषणा।

आज रात सूची जारी  नहीं होती तो  पर्यवेक्षक जिलों में करेंगे घोषणा।

मध्यप्रदेश बीजेपी में जिलाध्यक्षों की घोषणा पर सस्पेंस बरकरार

सूत्रों के मुताबिक आज रात तक सूची जारी होने की संभावना, अन्यथा कल पर्यवेक्षक करेंगे घोषणा
भोपाल मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने जिलाध्यक्षों के नाम लगभग तय कर लिए हैं, लेकिन अंतिम सूची जारी करने में अब भी देरी हो रही है। यह संभावना जताई जा रही है कि यदि आज रात तक सूची सार्वजनिक नहीं होती है, तो कल पार्टी के पर्यवेक्षक अपने-अपने जिलों में जाकर जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा करेंगे।
घोषणा की प्रक्रिया में देरी क्यों?
सूत्र बताते हैं कि नाम तय करने को लेकर प्रदेश संगठन और जिला स्तर पर संतुलन साधने में नेतृत्व को मुश्किल हो रही है। कई स्थानों पर स्थानीय नेताओं और विधायकों के बीच सहमति नहीं बन पाने  और आयातित कांग्रेस नेताओं और   बीजेपी  नेताओं के कारण सूची को अंतिम रूप देने में समय लग रहा है।
पर्यवेक्षक करेंगे अंतिम घोषणा
बीजेपी ने प्रत्येक जिले में पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जिनका उद्देश्य नामांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और जिला स्तर के मुद्दों को हल करना है। सूत्रों के मुताबिक, यदि केंद्रीय नेतृत्व आज रात तक सूची को जारी  नहीं करते है, तो पार्टी पर्यवेक्षक अपने-अपने जिलों में जाकर आधिकारिक घोषणा करेंगे।
आज रात या कल तक फैसला संभव
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाता, तो पर्यवेक्षक कल जिलों में जाकर घोषणा करेंगे। यह प्रक्रिया संगठन के संतुलन और मजबूती को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
स्थानीय नेताओं की बढ़ी बेचैनी
जिलाध्यक्ष पद के उम्मीदवार और स्थानीय नेता लगातार भोपाल और दिल्ली में संगठन से संपर्क साधने में लगे हैं।
संभावित तारीखें और समय
अगर आज रात सूची जारी  नहीं होती तो  पर्यवेक्षक जिलों में करेंगे घोषणा।
पार्टी की रणनीति
बीजेपी इस प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष और संतुलित रखना चाहती है। पार्टी का मानना है कि जिलाध्यक्षों की घोषणा से विधानसभा चुनाव के दौरान बने समीकरणों को और मजबूत किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश बीजेपी में जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। यदि आज रात तक सूची जारी नहीं होती है, तो  पर्यवेक्षक स्वयं जिलों में पहुंचकर घोषणा करेंगे। संगठन को संतुलित और सशक्त बनाने की इस कवायद पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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