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जिलाध्यक्ष के लिए कमलेश-राजेश का नाम, राजकुमार ग्रामीण की दौड़ में

जिलाध्यक्ष के लिए कमलेश-राजेश का नाम, राजकुमार ग्रामीण की दौड़ में




भाजपा के अध्यक्षों की संभावित सूची
वायरल होने से शुरु हुई हलचल, भोपाल में दो दिन के मंथन के बाद सूची दिल्ली रवाना, जबलपुर से महिला अध्यक्ष की संभावना नहीं
जबलपुर। सोशल मीडिया पर वायरल भाजपा के जिलाध्यक्षों की संभावित सूची वायरल होने से पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों में हलचल मची हुई है। इस लिस्ट के अनुसार, भाजपा के जबलपुर जिले के जिलाध्यक्ष के लिए कमलेश अग्रवाल एवं राजेश मिश्रा का नाम चल रहा है। वहीं ग्रामीण के लिए राजकुमार पटैल का सिंगल नाम संभावित है। हालाकि, ये लिस्ट असली है या नकली, ये तय नहीं है।
अंतिम मोहर दिल्ली में लगेगी
मध्य प्रदेश बीजेपी के जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलते ही जिला अध्यक्षों की सूची जारी हो जाएगी। इस बीच एक संभावित सूची सोशल मीडिया पर दौड़ रही है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि ये जिला अध्यक्ष के चुनाव में आखिरी तक पहुंचे ये वो संभावित नाम है, जिनके नाम पर मुहर लग सकती है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस सूची में 20 जिलों के और खासकर प्रमुख शहरों के संभावित जिलाध्यक्षों के नाम हैं।
-दो दिन चला गहन मंथन
बीजेपी जिलाध्यक्षों की सूची पर बीजेपी मुख्यालय में 2 दिन मंथन हुआ। उसके बाद माना जा रहा है कि जल्दी ही जिलाध्यक्षों की ये सूची जारी हो सकती है। जिले में चुनाव अधिकारी और पर्यवेक्षकों से फीडबैक लेने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने सूची को अंतिम रूप दे दिया है। यह सूची मध्यप्रदेश बीजेपी संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे पार्टी की आगामी चुनावी रणनीतियों और संगठनात्मक मजबूती को आकार दिया जाएगा। प्रदेश भर में पार्टी के कार्यों और गतिविधियों में सक्रियता लाने के लिए इन नए जिलाध्यक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
गुटों की लड़ाई में,तीसरे का फायदा
इधर, खबर है कि जबलपुर जिलाध्यक्ष के लिए जिले के दो दिग्गज नेताओं की खींचतान में कोई तीसरा बाजी मार ले जाएगा। भाजपा नेताओं का मानना है कि दो दिग्गजों के बीच किसी भी हाल में एकराय नहीं बन पा रही थी इसलिए तीसरे नाम पर विचार किया गया। बताया गया है कि तीसरा नाम एकदम नया चेहरा होगा। सूत्रों ने महिला अध्यक्ष की नियुक्ति से भी इंकार किया है। पहले खबर थी कि संघ की करीबी महिला नेत्री को कुर्सी मिलेगी,लेकिन अब ऐसा मुम्किन होता नहीं दिख रहा है। हालाकि, महिला नेत्री के पति अभी भी पूरे जी-जान से जुटे हुए हैं। जबलपुर से उन चेहरों को बिल्कुल खारिज कर दिया गया है,जो ताजा-ताजा कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। पैनल में शामिल नेताओं का ट्रैक रिकॉर्ड भी देखा जा रहा है।  गौरतलब है कि बीजेपी के मंडल अध्यक्षों के चुनाव में शिकायतें आई थीं। इनमें कई शिकायतें उम्र छिपाने को लेकर थीं। अब जिलाध्यक्ष की पैनल में शामिल तीन दावेदारों की उम्र के दस्तावेज देखे जाएंगे। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं हैं। पार्टी के खिलाफ काम करने के मामले में कोई पहले कार्रवाई तो नहीं हुई है।

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