अनूपपुर। ( रमाकान्त शुक्ला)
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा 25 दिसंबर 2024 को अनूपपुर भाजपा कार्यालय में भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए रायशुमारी का आयोजन भाजपा पर्वेक्षक की उपस्थिति में किया गया भाजपा जिला अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी को संपन्न कराने अनुपपुर पहुंचे बालाघाट के पूर्व विधायक शहडोल संभाग के पर्यवेक्षक भगत सिंह नेताम एवम अनूपपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी रीवा के पूर्व महापौर वीरेंद्र गुप्ता के द्वारा भाजपा के अपेक्षित लगभग 43 कार्यकर्ताओं से एक एक कर बंद कमरे में
व 5 सदस्यीय कमेटी से रायसुमारी कर भाजपा जिला अध्यक्ष पद के लगभग 35 दावेदारों के नाम की पर्ची बंद लिफाफे में लेकर रायशुमारी की कार्यवाही को संपन्न कराया गया। जिंसमे जिले के एक से एक दिग्गज भाजपा नेताओं सहित महिलाओं ने भी अपनी दावेदारी पेश की मगर यहाँ पर भाजपा के पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र मरावी ना तो उपस्थित हुए और ना ही भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत की मगर सूत्रों की माने तो पुष्पराजगढ़ से भाजपा के टिकट पर चुनाव हारने के बाद अब अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रह चुके नरेंद्र मरावी भी अब भाजपा जिला अध्यक्ष बनने के लिए अब भोपाल से लेकर दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं । अब सवाल उठता है कि क्या बीजेपी रायशुमारी में शामिल लोगों को प्राथमिकता देती है या फिर पैराशूट से भाजपा जिला अध्यक्ष को अनूपपुर में उतारेगी। दावेदारों के मन में कई तरह के प्रश्न खड़े हो रहे हैं और नरेंद्र मरावी की दावेदारी से राजनीतिक खेमे में हलचल तेज हो गई है।
अंतिम समय मे दावेदारों ने लगाया अंतिम जोर
अनूपपुर जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष की दावेदारी को लेकर मचे घमासान के बीच फैसले के अंतिम समय मे जहां दिल्ली में हो चुकी बैठक के बाद कल भोपाल में बैठक के चर्चा के बाद जहां 5 जनवरी 2025 तक दिल्ली से जिलाध्यक्ष की घोषणा होने की संभावना नजर आ रही है। वही सूत्रों की माने तो भोपाल तक के नेताओ से पकड़ रखने वाले नेता अब दिल्ली की ओर टकटकी लगाकर स्वाति नक्षत्र की बूंदों की तरह जिलाध्यक्षी की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। वही दिल्ली दरबार मे नेताओ की सिफारिश पर बिना रायसुमारी में उपस्थित हुए कुछ नेता सीधे दिल्ली से जिलाध्यक्ष बनने की जुगत लग़ाते नजर आ रहे हैं। बहरहाल जिले में फिलहाल चल रही पूर्व व वर्तमान मंत्री, सांसद और आदिवासी नेताओ की आपसी खींचतान के बाद क्या पुनः अनुपपुर जिले को आदिवासी नेता को जिलाध्यक्ष बनाने पार्टी संगठन विचार करेगी यह फिलहाल मुश्किल नजर आ रहा है।
जातीय समीकरण या योग्यता से होगा चयन ?
अनुपपुर जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष हेतु जातीय समीकरण, महिला सशक्तिकरण, युवा नेतृत्व और गुटबाजी के मुद्दे गहराई से जुड़े हुए हैं। इस बार हुई रायसुमारी में तीन पैनलों के अलावा अतिरिक्त दो कालम में आदिवासी नेता की पसंद के साथ महिला नेतृत्व की चाह को भी टटोलने का प्रयास भाजपा केंद्रीय नेतृत्व द्वारा किया गया है। इस निर्णय से इन सभी पहलुओं को एक नई दिशा देने का प्रयास है। लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह प्रयास, केवल “आदेश” बनकर रह जाता है या फिर वास्तव में जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम करता है। जिला अनुपपुर में भाजपा के आंतरिक गुटबाजी किसी से छुपी नही है। ऐसे में जिस तरह भाजपा नेता, मंत्री, सांसद अपने लोगो को जिलाध्यक्ष बनवाने हेतु प्रयासरत है। उससे आने वाले परिणाम के समीकरणों की गहराई को राजनीतिक विश्लेषक अच्छी तरह समझ रहे हैं।
इनमें से तय होगा जिलाध्यक्ष
विदित होकि दिल्ली दरबार तक पहुंच रखने वाले नेताओं की व गुप्त सूत्रों की माने तो आपसी जनचर्चा की माने तो
एक तरफ जहां हीरा सिंह व जितेंद्र सोनी के दौड़ से बाहर होने की जन चर्चा है। वही अब मंत्री दिलीप जैसवाल खुलकर प्रेमचन्द्र यादव को जिलाध्यक्ष बनाने पूरी एडी चोटी लगाए हुए हैं। वही भाजपा के दिग्गज नेता और अनुपपुर और पुष्पराजगढ़ के नेताओ को भाजपा जिलाध्यक्ष का मंत्री के खेमे का होना बर्दास्त नही हो रहा है। ऐसे में अब खुलकर एक दूसरे की शिकायत व शिकवे की लंबी सूची भोपाल व दिल्ली भेजी जा रही है। मगर गुप्त सूत्रों की माने इस खींचतान के बावजूद वर्तमान में हनुमान गर्ग, राम अवध सिंह प्रेम चन्द्र यादव व नरेंद्र मरावी के पक्ष जोर आजमाइश चल रही है। वही सूत्रों की माने तो इन चारों नामो में से किसी एक नाम पर अंतिम मोहर लगने की संभावना नजर आ रही है। जिसकी घोषणा 5 जनवरी तक दिल्ली से होने की जनचर्चा है।
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