
नई दिल्ली 1 जनवरी 2025 से भारतीय बैंकों में सतत समाशोधन प्रणाली (Continuous Settlement) लागू हो जाएगी। इसके तहत, ग्राहक द्वारा भरे गए चेक का निपटान उसी दिन किया जाएगा, जिससे ग्राहकों को तेज़ और प्रभावी सेवा प्राप्त होगी। इस सिस्टम के लागू होने से चेक क्लियरिंग का समय कम हो जाएगा और प्रक्रिया तेज़ होगी।
क्या है सतत समाशोधन प्रणाली?
सतत समाशोधन प्रणाली के तहत, एनपीसीआई (National Payments Corporation of India) के दिशानिर्देशों के अनुसार, भरे गए चेक का निपटान उसी दिन किया जाएगा, यदि चेक बैंक में भरा गया है और क्लियरेंस के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर है। इससे चेक के भुगतान में देरी की संभावना कम हो जाएगी और बैंक ग्राहक को तुरंत राशि उपलब्ध कराएंगे।नियम और समय सीमा
चेक भरने का समय ग्राहक सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2:30 बजे तक चेक भर सकते हैं।
चेक क्लियरेंस भरने के बाद 2 घंटे के भीतर चेक क्लियर हो जाएगा। इसका मतलब है कि यदि चेक भरने के बाद पर्याप्त बैलेंस होता है तो ग्राहक की राशि उसी दिन खाते में जमा हो जाएगी।
आवश्यकता इस प्रणाली के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए, ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके खाते में पर्याप्त बैलेंस हो, ताकि चेक भरते समय कोई असुविधा न हो।
बैंकिंग बैलेंस का महत्व
चूंकि चेक निपटान उसी दिन होगा, इसलिए ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके खाते में पर्याप्त बैलेंस हो। यदि चेक भरने के समय खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो चेक रिवर्स हो सकता है या निपटान में देरी हो सकती है।
एनपीसीआई के निर्देशों के तहत, सभी बैंक इस नए प्रणाली का पालन करेंगे, जिससे ग्राहक को तेज़ सेवा मिल सके। किसी भी बैंक से संबंधित असुविधा या जानकारी के लिए, ग्राहक को बैंक शाखाओं में संपर्क करना होगा।
यह नया नियम बैंकिंग प्रणाली को सरल, तेज और प्रभावी बनाने में मदद करेगा। इससे न केवल ग्राहकों को त्वरित सेवाएं मिलेंगी, बल्कि बैंक भी अपने समाशोधन प्रक्रिया को और कुशल बना पाएंगे।



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