कैलाश पाण्डेय






नर्मदा के कल-कल प्रवाह और ठंड की कोमल धूप में घुली अद्भुत अनुभूतियाँ
अमरकंटक, मध्यप्रदेश के अद्वितीय स्थल अमरकंटक की वादियाँ इन दिनों पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। माँ नर्मदा के पवित्र उद्गम स्थल पर ठंडी हवाओं की सरसराहट, कल-कल बहती जलधारा और मंदिरों में गूंजते शंख-घड़ियाल का स्वर ऐसा अनुभव कराता है मानो प्रकृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम यहां सजीव हो उठा हो।
ठंड की कोमल धूप में ऊंघते पेड़ और घुमड़ते बादलों की छटा
सुबह की पहली किरण जब अमरकंटक के सनराइज प्वाइंट को छूती है, तो ऐसा लगता है मानो सूरज यहीं से अपने दिव्य प्रकाश का आरंभ करता हो। ठंड की हल्की धूप में ऊंघते पेड़ों की छांव और उमड़ते-घुमड़ते बादलों का नजारा ऐसा है, जिसे शब्दों में बाँध पाना कठिन है।
नर्मदा की लहरों का संगीत और मंदिरों का दिव्य स्वर
माँ नर्मदा की कल-कल करती धारा के पास खड़े होकर ठंडी हवा का आनंद लेना एक अलग ही अनुभूति देता है। वहीं, मंदिरों में बजते शंख और घड़ियाल के स्वर भक्तिमय वातावरण को और गहरा बना देते हैं। दिन ढलते ही मंदिरों में होने वाली भजन संध्या और श्रद्धालुओं की चहल-पहल, आध्यात्मिकता को और भी अधिक सजीव कर देती है।
भक्ति में लीन साधु-संत और उड़ते पखेरू का दृश्य
अमरकंटक की पवित्र वादियों में बैठे साधु-संत जब भक्ति में लीन होते हैं, तो उनका शांत और गहन ध्यान श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति का अनुभव कराता है। आसमान में उड़ते पखेरू और हरियाली से सजी घाटियाँ यहाँ के वातावरण को अद्वितीय बना देती हैं।
आकर्षण का नया आयाम अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली और उनकी टीम की सूझ बूझ से चार चांद लगा दिया है जिसमें उन्होंने
प्राकृतिक दृश्यों और आध्यात्मिक माहौल के साथ अब अमरकंटक में पर्यटकों के लिए नया अनुभव जोड़ दिया हैं। हवा में उड़ते हॉट एयर बैलून से नर्मदा घाटी का नजारा, कोमल धूप में पैरासेलिंग का रोमांच और बच्चों के लिए आनंददायक झूले, सब कुछ यहाँ के अनुभव को अविस्मरणीय बना देते हैं।
अमरकंटक जहां प्रकृति, अध्यात्म और आनंद का साम्राज्य है
अमरकंटक केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह वह स्थान है जहाँ प्रकृति अपनी गोद में श्रद्धा और आनंद का अनमोल उपहार देती है। यहाँ का हर दृश्य, हर अनुभूति आपको इस भूमि से जोड़ देती है।
कल-कल करती नर्मदा और ठंडी धूप के आलोक में सजीव हुआ अमरकंटक












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