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राहुल गांधी पर 2014 से 2024 तक 20 से अधिक मुकदमे दर्ज माननीयों और आम जनता के मुकदमों में बड़ा अंतर

राहुल गांधी पर 2014 से 2024 तक 20 से अधिक मुकदमे दर्ज माननीयों और आम जनता के मुकदमों में बड़ा अंतर



राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमे 2014 से 2024 तक का सफर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ वर्ष 2014 से अब तक 20 से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इन मामलों में राजनीतिक बयानबाजी, मानहानि, और सार्वजनिक सभाओं में दिए गए बयानों को लेकर मुकदमे शामिल हैं।
2014 भिवंडी में पहला मामला
राहुल गांधी के खिलाफ पहला मुकदमा 2014 में महाराष्ट्र के भिवंडी में दर्ज किया गया। यह मामला उनके उस बयान से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर महात्मा गांधी की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था। यह मामला आपराधिक और सिविल मानहानि का था और भिवंडी की जॉइंट सिविल जज अदालत में दायर किया गया था।
2019 सबसे अधिक मुकदमे
2019 में राहुल गांधी के खिलाफ सबसे ज्यादा 5 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें उनका विवादास्पद “सारे मोदी सरनेम के लोग चोर क्यों होते हैं?” बयान प्रमुख रहा। इस टिप्पणी के कारण सूरत, पटना, रांची, अहमदाबाद और दिल्ली में उनके खिलाफ मानहानि के मुकदमे दायर हुए। सूरत के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया, जिससे उनकी संसद सदस्यता भी रद्द हो गई।
2024 ताजा मामला
हाल ही में, 19 दिसंबर 2024 को संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की की घटना के बाद राहुल गांधी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। बीजेपी सांसदों ने उन पर शारीरिक हमले और उकसावे का आरोप लगाया है, हालांकि कांग्रेस ने इसे पूरी तरह खारिज किया है।
माननीयों और आम जनता के मुकदमों में  अंतर मुकदमे दर्ज करने की प्रक्रिया में अंतर
माननीयों पर मुकदमे
जनप्रतिनिधियों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए विशेष अनुमति (जैसे, राज्यपाल या अध्यक्ष की मंजूरी) जरूरी होती है। संसद में किए गए कार्यों के लिए उन्हें संवैधानिक सुरक्षा प्राप्त है।
आम जनता पर मुकदमे
आम जनता के खिलाफ सीधे पुलिस या अदालत में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है, जिसमें किसी विशेष स्वीकृति की जरूरत नहीं होती।
माननीयों के लिए
संवैधानिक संरक्षण और संसदीय विशेषाधिकार मिलते हैं।
आम जनता के लिए
कोई विशेषाधिकार या संवैधानिक सुरक्षा नहीं मिलती।
मामलों की सुनवाई के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाए जाते हैं। दोषी पाए जाने पर उनकी सदस्यता या पद रद्द हो सकता है।
आम जनता के खिलाफ
न्यायिक प्रक्रिया धीमी हो सकती है और दोषी ठहराए जाने पर सामान्य सजा, जुर्माना या कैद का प्रावधान है।
राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मुकदमों ने भारतीय राजनीति में जनप्रतिनिधियों और आम जनता के बीच मुकदमों की प्रक्रिया, प्रभाव, और कानूनी नतीजों को रेखांकित किया  है।

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