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रतलाम में किसानों ने पकड़े चीनी लहसुन के ट्रक अवैध आयात से स्थानीय किसानों को भारी नुकसान

रतलाम में किसानों ने पकड़े चीनी लहसुन के ट्रक अवैध आयात से स्थानीय किसानों को भारी नुकसान



मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में किसानों ने चीनी लहसुन के अवैध आयात पर बड़ा कदम उठाते हुए कई ट्रकों को पकड़ा है। यह लहसुन नेपाल, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों के रास्ते भारत लाया जा रहा है। इस अवैध व्यापार ने मंदसौर, नीमच और रतलाम के लहसुन उत्पादकों को भारी संकट में डाल दिया है। किसानों का आरोप है कि चीनी लहसुन की भरमार के चलते स्थानीय मंडियों में उनके उत्पाद की कीमतें गिर रही हैं और लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है।
चीनी लहसुन का अवैध आयात एक बड़ी समस्या
चीन में उत्पादित लहसुन को प्रतिबंधित करने के बावजूद यह नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहा है। इसका असर स्थानीय किसानों पर साफ देखा जा सकता है। किसानों का कहना है कि भारतीय लहसुन, जिसकी गुणवत्ता बेहतर है, अब कम कीमतों के कारण बाजार में पीछे छूट रहा है।
मध्य प्रदेश के लहसुन उत्पादकों के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक है, क्योंकि राज्य के मंदसौर, नीमच और रतलाम जैसे जिलों को लहसुन की खेती के लिए जाना जाता है। ये जिले न केवल राज्य बल्कि देशभर में लहसुन की आपूर्ति का बड़ा हिस्सा देते हैं।
किसानों की लागत और घटती आमदनी
भारतीय किसानों ने लहसुन की खेती के लिए महंगे बीज खरीदे हैं, जिनकी कीमत करीब 500 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसमें उर्वरकों, पानी और मजदूरी जैसी अन्य लागतें भी जुड़ी हुई हैं। लेकिन जब बाजार में चीनी लहसुन सस्ते दामों में बेचा जाता है, तो भारतीय किसानों को उनकी लागत का भी भुगतान नहीं हो पाता।
रतलाम, मंदसौर और नीमच जैसे जिलों में तैयार लहसुन को इंदौर सहित अन्य स्थानीय मंडियों में बेचा जाता है। इन मंडियों से व्यापारी इसे देश के अन्य हिस्सों में वितरित करते हैं। लेकिन चीनी लहसुन की कीमत कम होने के कारण स्थानीय उत्पादकों का बाजार सिकुड़ रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और दिग्विजय सिंह की अपील
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चीनी लहसुन के अवैध आयात पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे न केवल किसानों के लिए आर्थिक नुकसानदायक बताया बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए खतरा करार दिया। सिंह ने सरकार से तुरंत कदम उठाने की मांग की है।
उन्होंने कहा,
चीन के लहसुन के आयात को रोकने के लिए सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह किसानों की मेहनत और उनके अधिकारों पर सीधा प्रहार है।
चीनी लहसुन का पूर्ण प्रतिबंध: अवैध आयात पर रोक लगाने के लिए सीमा क्षेत्रों पर सख्ती और निगरानी।
स्थानीय किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): लहसुन की खेती करने वाले किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
स्थानीय मंडियों में प्राथमिकता चीनी लहसुन को हटाकर भारतीय लहसुन को बाजार में बढ़ावा देना।
अवैध आयात का व्यापक प्रभाव
चाइनीज लहसुन के बढ़ते आयात ने न केवल किसानों को आर्थिक संकट में डाला है बल्कि भारतीय कृषि क्षेत्र की आत्मनिर्भरता को भी प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या केवल लहसुन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अन्य कृषि उत्पादों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
रतलाम में किसानों द्वारा चीनी लहसुन के ट्रकों को पकड़ना उनकी नाराजगी और निराशा का प्रतीक है। यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि अगर सरकार समय पर कदम नहीं उठाती, तो स्थानीय कृषि उद्योग पर गहरा संकट आ सकता है।

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