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गोदाम की चाबी दे देंगे पर सरकार के साथ काम नहीं करेंगे

गोदाम की चाबी दे देंगे पर सरकार के साथ काम नहीं करेंगे



वेयरहाउस संचालकों का ज्वाइंट वेंचर स्कीम से धान का भंडारण करने से इंकार,प्रशासन  से कई मुद्दों पर तकरार,भंडारण पर असमंजस जारी
जबलपुर। धान खरीदी को लेकर कलेक्टर और वेयरहाउस संचालकों के बीच बैठक हुई।
धान खरीदी को लेकर कलेक्टर और वेयरहाउस संचालकों के बीच लगभग 3 घंटे तक मैराथन बैठक चली। बैठक में वेयरहाउस संचालकों ने कलेक्टर के सामने अपनी समस्याएं रखीं और अपने वेयरहाउसों की चाबी सौंपने की बात कही।
इस दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना ने वेयरहाउस संचालकों को समझाने का प्रयास किया और बताया कि उनकी कुछ मांगों को मान लिया गया है। इसके बावजूद वेयरहाउस संचालक अपनी बात पर अड़े रहे और ज्वाइंट वेंचर स्कीम के तहत धान का भंडारण करने से इनकार कर दिया।

एफआईआर से पहले चर्चा करेंगे

बैठक में राज वेयरहाउस की संचालक के पति पर दर्ज एफआईआर के मामले को लेकर चर्चा हुई। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि भविष्य में यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो एफआईआर दर्ज करने से पहले वेयरहाउस संगठन के सदस्यों से बातचीत की जाएगी। इसके बाद ही प्रकरण दर्ज होगा।
इसलिए भंडारण से किया इंकार
वेयरहाउस संचालकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे ज्वाइंट वेंचर स्कीम के तहत धान का भंडारण नहीं करेंगे। उनका कहना था कि प्रशासन चाहे तो उनके वेयरहाउसों का अधिग्रहण कर ले। हर बार की तरह इस बार भी धान के उठाव के समय किसी भी प्रकार की कमी होने पर प्रशासन उनसे वसूली करेगा, जिससे उन्हें घाटा झेलना पड़ेगा।
वेयरहाउस मालिक दिनेश पटेल ने बताया कि ज्वाइंट वेंचर स्कीम से हर तरह से नुकसान ही हो रहा है। सरकार उनके वेयरहाउस किराए पर लेकर अनाज रखती है, लेकिन अनाज में कमी होने पर वसूली संचालकों से ही की जाती है।
-तीन साल से किराया नहीं मिला
वेयरहाउस संचालकों ने बताया कि पिछले तीन सालों से जबलपुर के किसी भी वेयरहाउस मालिक को किराया नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में वे अब धान खरीदी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहते। जिससे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसके बाद रोज नए नियम लादकर वेयरहाउस संचालकों की मुसीबतें बढ़ाई जा रही हैं। कलेक्टर द्वारा समझाने के बावजूद वेयरहाउस संचालक अपनी मांगों पर अड़े रहे। वेयरहाउस संगठन के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने बताया कि सभी सदस्यों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि वे अपने वेयरहाउसों की चाबी वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के अधिकारियों को सौंप देंगे।
-कोई रास्ता निकाला जाएगा
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि किसानों से धान खरीदी की जाएगी और इसकी प्रक्रिया नान (नागरिक आपूर्ति निगम) द्वारा शुरू कर दी गई है। वहीं, धान के भंडारण की जिम्मेदारी एमपीडब्ल्यूएलसी (मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन) की है, और इसका निर्णय अब उसे ही लेना है। ऐसी स्थिति में कोई न कोई रास्ता तो निकाला ही जायेगा।

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