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जीएम बीजों से सेहत को खतरा इसलिए आम लोग भी विरोध करें

जीएम बीजों से सेहत को खतरा इसलिए आम लोग भी विरोध करें


भारतीय किसान संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी में पराली व खाद की समस्या पर चर्चा।
वक्ता बोले,किसान व खेती के उत्थान के बिना देश का उत्थान नहीं,किसानों के कई मुद्दे उठाए गए
जबलपुर। भारतीय किसान संघ की गुवाहाटी में संपन्न दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल होकर लौटे किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश में पराली जलाने के नाम पर सरकार व प्रशासन द्वारा की गई किसानों पर कार्यवाही की निंदा की गई। श्री पटेल ने गुणवत्ता युक्त खाद, बीज व पर्याप्त बिजली, पानी आपूर्ति किसानों को न किए जाने का विषय भी बैठक में रखा। जीएम बीजों को लेकर सरकार की ढुलमुल नीति को किसान संघ ने देश के नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया। पूर्वोत्तर राज्यों के हित में पारित प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों की कृषि, किसान को स्वावलंबी और संपन्न बनाने की दृष्टि से सरकार को सुझाव भेजे गए हैं। जिन पर केन्द्र व राज्य सरकार से शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया गया है। कार्यकारिणी बैठक में मध्यप्रदेश से अखिल भारतीय कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल, क्षेत्र संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रांत संगठन मंत्री भरत पटेल,  मध्य भारत प्रांत संगठन मंत्री मनीष शर्मा, मालवा प्रांत संगठन मंत्री अतुल माहेश्वरी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
-गौ कृषि से बनेगा विकसित भारत

समापन सत्र को संबोधित करते हुए किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि किसान व खेती के उत्थान के बिना देश का उत्थान नहीं हो सकता है। 2047 के विकसित भारत के लिए गौ कृषि वाणिज्यम की संकल्पना के साथ काम करना होगा। अधिक रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र होने की दृष्टि से पशुधन, पशुधन के आधार पर खेती और प्रसंस्करण के साथ व्यापार की तरफ बढ़ना होगा। जिससे गांव व किसान संपन्न होंगे और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
-जीएम बीज अगली पीढ़ी के लिये घातक
जीएम सिर्फ किसान के लाभ हानि का मुद्दा नहीं है। यह सीधे देश के आम नागरिकों के स्वास्थ्य से जुड़ा विषय है। किसान संघ का मानना है कि जीएम फसलों की अनुमति से सीधे देश के नागरिकों, पर्यावरण व जुड़े हितधारकों के जीवन  से खिलवाड़ होगा। इसलिए इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। किसान संघ ने देश के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि जीएम फसलों के खिलाफ आंदोलन आम नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा का आंदोलन है। समाज को भी अपनी भागीदारी इस आंदोलन में सुनिश्चित करनी चाहिए।

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